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शिंदे या आप...कौन होगा अगले चुनाव में चेहरा? फडणवीस बोले- हमारे पास हुकुम का इक्का!

देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया कि 2024 में दोबारा चुनाव होगा तो सीएम फेस कौन होगा? इस पर उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे और हम मिलकर चुनाव लडेंगे. फेस कौन होगा, इसका महत्व नहीं है क्योंकि हमारे पास हुकुम का इक्का है, वह हैं- पीएम मोदी. उनके पीछे कोई भी फेस लगा दीजिए, सब आगे बढ़ जाते हैं.

बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस.
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 05 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

India Today Conclave Mumbai 2022: मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए. उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति से लेकर सियासी उठापटक पर खुलकर बातचीत की और उद्धव ठाकरे को घेरा. फडणवीस से जब 2024 के चुनाव में सीएम फेस को लेकर पूछा गया तो उन्होंने बड़ी सधे हुए अंदाज में जवाब दिया. फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हमारे पास हुकुम का इक्का है, उसके आगे सारे फेस आगे बढ़ जाते हैं.

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2024 में जब चुनाव का सामना करेंगे तो सीएम फेस कौन होगा? फडणवीस ने कहा कि हमने पहले ही क्लीयर किया है कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हमारे पास हुकुम का इक्का है और वो हैं- मोदी जी. आप कोई भी फेस लगा दीजिए, वो सारे आगे बढ़ जाते हैं. आज तो हमारे नेता एकनाथ शिंदे हैं. चुनाव में भी शिंदे ही फेस होंगे. हमारी पार्टी का एक नियम है. पार्लियामेंटी बोर्ड है- वह सारे निर्णय लेता है और हम सब लोग उसका पालन करते हैं. उसी को अधिकार है. लेकिन आप चिंता मत करिए- 2024 के चुनाव में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम होंगे.

मेरे प्रस्ताव पर शिंदे को सीएम बनाने का फैसला लिया

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम पूरी ताकत के साथ शिंदे के साथ खड़े हैं. महाराष्ट्र को देश का नंबर वन राज्य बनाएंगे. सत्ता के उलटफेर पर कहा- ये 20-20 मैच की तरह हुआ. अब देखता हूं तो लगता है कि सही फैसला लिया था. शिंदे को सीएम बनाने का फैसला मेरे प्रस्ताव पर हुआ. हमारे नेताओं ने उसे मान्यता दी. मेरे लिए सुखद कहिए या कुछ भी. मुझे हाईकमान ने डिप्टी सीएम के लिए कहा गया. मेरे मन में पहले बहुत विचार थे. लेकिन में बाद इतना समर्थन मिला जो पहले सीएम बनने पर नहीं मिला. 

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शिंदेजी ने कभी फील नहीं होने दिया कि मैं डिप्टी सीएम हूं

फडणवीस ने कहा कि कुछ अच्छी चीजों को लेकर कड़े निर्णय लेने पड़ते हैं. वो हमने लिए. आज हम पूरी तरह सहमत हैं. हमारा और शिंदेजी का समन्वय बहुत पुराना है. महाराष्ट्र में अभी मंत्रिमंडल विस्तार होगा. हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से जानते हैं. उन्होंने कभी मुझे फील नहीं होने दिया कि मैं डिप्टी सीएम हूं. 

उद्धव के समय उद्योगों को लेकर मीटिंग नहीं हुई

फडणवीस से पूछा गया कि कई बड़े प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से चले गए हैं और चुनाव के लिए सिर्फ 2 साल बचे हैं, ऐसे में अब आप आगे की चुनौतियों का कैसे सामना करेंगे? उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट बाहर जाने का जो नैरेटिव सेट किया जा रहा है, उस संबंध में आपको सोचना होगा. सरकार में एक कैबिनेट इंवेस्टमेंट कमेटी होती है, जिसका काम इंवेस्टमेंट को लेकर काम करना होता है. उद्धव सरकार के समय 18 महीने में इस कमेटी की कोई बैठक ही नहीं हुई. अगर उद्योगों के लिए बैठक ही नहीं होगी तो उद्योग रहेंगे या जाएंगे. ये किसके कारण गए?

मैं अकेला था सच बताने के लिए, वो चार लोग बोलते थे झूठ

समय की कमी पर कहा कि पुरानी सरकार में नाश्ता के वक्त एक झूठ बोलते थे, फिर लंच के वक्त एक झूठते थे. डिनर से पहले भी एक झूठ बोलते थे. फिर सोते-सोते एक झूठ बोलते थे. तीन पार्टियां और उसके चार लोग सिर्फ झूठ बोलने के लिए ही रखे गए थे. इसलिए रोज केंद्र सरकार के खिलाफ बोलना, सारी मदद केंद्र सरकार से ही लेना था. आंकड़ों में देखा जाए तो केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा मदद महाराष्ट्र को ही दी है. मैंने अकेला था सच बताने के लिए और वो चार लोग थे झूठ बोलने के लिए. इसलिए चार झूठ के सामने एक सच थोड़ा रुक जाता था. मैं आज भी कहता हूं केंद्र सरकार की जितनी मदद महाराष्ट्र को मिलती है, उतनी किसी राज्य को नहीं मिल पाती है. मोदी जी भी जानते हैं कि महाराष्ट्र ग्रोथ इंजन है. महाराष्ट्र भागेगा तो देश भागेगा. अगर उद्धव के समय समन्वय रखते तो महाराष्ट्र को ज्यादा फायदा होता.  

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उद्धव ने फडणवीस और बीजेपी को खंजर घोंपा

फडणवीस से पूछा गया कि उठापटक के लिए शिंदे से कब से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि ये हमारी रणनीति है. पब्लिक नहीं की जा सकती है. हम विपक्ष में थे. शिवसेना ने हमारे साथ बेईमानी की थी. उद्धव ने फडणवीस और बीजेपी की पीठ पर खंजर घोंपा था. हमारे साथ बेईमानी हुई तो उसका जवाब तो देंगे. इसका क्रेडिट भी उद्धव को जाता है.

उन्होंने कहा कि हमको बदला लेना था. जब उठापटक हुई तो हमने शिंदे से बात की और कहा कि हम आपका साथ देने को तैयार हैं. जो हमारे साथ बेईमानी हुई थी, हम लोगों ने उसका बदला लिया है. मेरे जेहन में बेईमानी का बदला लेने की बात थी. 

बीजेपी कार्यकर्ता भी मानते हैं- ये हमारी सरकार है

उन्होंने बताया कि उठापटक के बाद जब सीएम को लेकर चर्चाएं थीं, तब मेरे साथ पीसी में कुछ नेता बैठे थे, उनमें तीन चार लोगों को ही पता था कि गवर्नर को जो पत्र भेजा गया है, उसमें शिंदे को सीएम बनाने लिए प्रस्ताव दिया है. जिन्हें पता नहीं था, उनके लिए चौंकाने वाला था. आज सभी लोग मानते हैं कि ये सरकार हमारी है. आज बीजेपी के कार्यकर्ता मानते हैं. कोई शक नहीं है.

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बिहार में ऐलान किया था, इसलिए नीतीश को सीएम बनाया था

उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं ने उद्धव के सामने कहा कि ये चुनाव देवेंद्र के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है. उद्धव ने तालियां बजाईं. बाद में चुनाव जीते और नंबर गेम फंसा देखा तो उन्होंने फैसला बदल दिया. पूरे चुनाव के दौरान आपने समर्थन दिया. बाद में बेईमान कर दी. शिवसेना को ढाई साल सीएम पद देने का कभी फैसला नहीं हुआ था. जिस समय उन्होंने शर्त रखी, तब हमने कहा कि ये गठबंधन नहीं होगा. तीन दिन बाद हमने पालघर वाली सीट शिवसेना को सीट दी. ये जरूर कहा था कि पिछली बार कम मंत्रालय दिए थे, इस बार ज्यादा देंगे. अगर सीएम को लेकर कहा होता तो जरूरत वादा निभाते. बिहार में हमने कहा था और नीतीश को बनाया था. अब जो कह रहे हैं कि हमारे साथ आते तो हम कहना चाहते हैं कि हम बेईमान से ढाई साल नहीं लेंगे जो लेंगे अपनी ताकत पर लेंगे.

 

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