
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने हिंदुत्व और नए भारत पर विस्तार से बात की है. उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के मन में चल रहे डर पर भी अपने विचार रखे हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन दौरे पर भी तंज कसा है.
राहुल पर स्मृति ईरानी का तंज
राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि हमारे देश में तो हर मां बच्चे को ये सिखाती है कि झगड़ा घर में करो, बाहर जाकर नहीं. राहुल गांधी ने क्या किया है. एक भारतीय के तौर पर मैं उसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं कर सकती हूं. जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, तब बाहर जाकर इस प्रकार के बयान दिए जाते हैं. लेकिन जो सांसद सदन से ही नदारद रहते हों, उनको लेकर हम क्या ही स्पीच दे सकते हैं, क्या बोल सकते हैं.
राहुल ने क्या बोला था?
स्मृति ईरानी ने ये प्रतिक्रिया राहुल गांधी के उस बयान पर दी है जहां पर उन्होंने कहा था कि देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश हो रही है. राहुल ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. मेरे फोन में भी पेगासस था. मुझे अधिकारियों ने सलाह दी थी कि मैं फोन पर सावधानी से बात करूं. क्योंकि फोन की रिकॉर्डिंग की जा रही है. भारत में लोकतंत्र खतरे में है. हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं. मेरे ऊपर कई केस किए गए. ऐसे मामलों में केस किए गए, जो बनते ही नहीं. हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके इसी बयान पर स्मृति ने ये तंज कसा है.
मुस्लिमों में डर? स्मृति ने कहा ये
वैसे बातचीत के दौरान स्मृति ईरानी से अल्पसंख्यक समाज को लेकर भी कई सवाल पूछे गए. समाज का एक वर्ग मानता है कि देश में अल्पसंख्यक समाज के मन में डर है, उसे कैसे दूर किया जाए, ये एक बड़ी चुनौती बन गया है. इस बात को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जोर देकर कहा कि सभी कानून में समान हैं, ये समझना जरूरी है कि अल्पसंख्यक कोई सिर्फ एक धर्म के लिए नहीं है. मैं तो ये भी मानती हूं कि कोई भी भारतीय अपने ही देश में अल्पसंख्यक कैसे हो सकता है. मैं वैसे ये जरूर कह सकती हूं कि हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले 9 सालों में कोई ऐसा काम नहीं किया जिसमें किसी भी समुदाय की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया हो. उल्टा जब से मैं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनी हूं, हज जाने वालों का 50 हजार रुपये तक खर्चा कम कर दिया गया है. तो काम बोलता है.