
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2023 के दूसरे और आखिरी दिन के सत्र में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार के कामकाज के तरीके, मुस्लिम लीग को लेकर राहुल गांधी के बयान और विपक्षियों के नई संसद भवन के उदघाटन के बहिष्कार पर खुलकर बात की.
इस दौरान जब चिदंबरम से अमेरिका में मुस्लिम लीग को लेकर राहुल गांधी के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि मैं केरल और तमिलनाडु में मुस्लिम लीग के स्ट्रक्चर के बारे में जानता हूं. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के तमिलनाडु के कई नेता भी मुझे जानते हैं. वे पूरी तरह से सेक्युलर हैं. विदेशों की मुस्लिम लीग के बारे में मुझे जानकारी नहीं है.
विपक्ष ने नई संसद भवन के उदघाटन का बहिष्कार क्यों किया?
बीती 28 मई को नई संसद भवन का उदघाटन हुआ था. लेकिन बड़े पैमाने पर विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार कर दिया था. चिदंबरम ने कहा कि नई संसद भवन के उदघाटन के लिए राष्ट्रपति को न्योता क्यों नहीं भेजा गया. जब संविधान में कहा गया है कि संसद में राष्ट्रपति और दोनों सदन समाहित हैं तो राष्ट्रपति के पास न्योता क्यों नहीं भेजा गया?
हाल में केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया था, जिसमें दिल्ली में बॉस उपराज्यपाल को नहीं बल्कि मुख्यमंत्री को माना गया था. यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस सरकार इस अध्यादेश को लेकर केंद्र के खिलाफ केजरीवाल का समर्थन करेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि मैं पार्टी फोरम के भीतर इस पर अपनी राय रख चुका हूं. मैं इस मंच पर टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं अभी भी कांग्रेस का सदस्य हूं. दिल्ली अध्यादेश विवाद पर कांग्रेस पार्टी का रुख मैं नहीं बल्कि अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तय करेंगे.
सीबीआई, ईडी की 95 फीसदी कार्रवाई विपक्षी दलों पर ही क्यों?
देश में कई बार केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में चिदंबरम ने कहा कि यह सोची-समझी रणनीति के तहत होता है. विपक्षी दलों को निशाना बनाया जाता है. अगर ऐसा नहीं होता तो आखिर क्यों 95 फीसदी विपक्षी दलों और सदस्यों पर ही सीबीआई और ईडी की कार्रवाई होती है. अगर ऐसा नहीं होता तो बीजेपी सांसदों, बीजेपी विधायकों और बीजेपी नेताओं के खिलाफ भी छापेमारी की जाती.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग सही नहीं है. यह भविष्य में भारी तबाही लेकर आ सकता है, लोगों को यह समझने की जरूरत है.
मोदी सरकार का वन इंडिया केंद्रवाद पर आधारित
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी एक एजेंडा लेकर चल रही है. उसका वन इंडिया का एजेंडा है. वन नेशन, वन पासपोर्ट, वन राशन कार्ड, वन आधार कार्ड, वन कल्चर, वन लैंग्वेज जो किसी भी लिहाज से सही नहीं है. यह मोदी सरकार के केंद्रवाद के एजेंडे पर आधारित है, जिसमें राज्यों को केंद्र से कमतर माना जाता है. यह वन इंडिया हमारे यूनाइटेड इंडिया से बिल्कुल अलग है.
इस दौरान चिदंबरम ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी पर भी बात की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में जिस जीएसटी पर हम सभी की सहमति बनी थी. मौजूदा जीएसटी उससे बिल्कुल अलग है. यह केंद्र सरकार की ओर से थोपा गया जीएसटी है.
2000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला सही
पिछले महीने आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान किया था. इस पर अपनी राय जाहिर करते हुए चिदंबरम ने कहा कि एक बेवकूफाना भूल को सुधारने के लिए यह फैसला सही था.
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को कोई भी फैसला लेने से पहले यह ध्यान में रखना चाहिए कि इस गद्दी पर कोई और भी बैठेगा.