
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हुआ है. दोनों देशों ने बहुआयामी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत करने के लिए सहमति जताई, और इस पर बात चल रही है. इस अहम पहल का लक्ष्य 2025 के पतझड़ तक इस समझौते को अंतिम रूप देना है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वे वरिष्ठ प्रतिनिधियों को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए नामित करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी फरवरी महीने में अमेरिका गए थे और इस दौरान दोनों नेताओं ने मार्केट खोलने, टैरिफ कम करने, और गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने को लेकर बातचीत की थी.
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सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर आगे की चर्चा के लिए भारत के व्यापार मामलों के मंत्री पियूष गोयल अपने प्रतिनिधियों के साथ 3-6 मार्च तक अमेरिका दौरे पर थे. इस दौरे में वे अमेरिकी वाणिज्य सचिव और यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव सहित अन्य अधिकारियों से मुलाकात की.
भारत-अमेरिका में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद जो अनुचित शुल्क और व्यापार संबंधी मुद्दे सामने लाए गए थे, उन पर भी चर्चा इस प्रक्रिया का हिस्सा रही. वार्ता के दौरान, कई मुद्दों पर गहन चर्चा की गई. चूंकि दोनों देशों की अलग-अलग व्यापारिक रुचि और संवेदनाएं हैं, इसलिए इन मुद्दों पर गंभीर विचार विमर्श की जरूरत है.
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी हुई थी चर्चा
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी भारत और अमेरिका के बीच सीमित व्यापार समझौते की चर्चा हुई थी, लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था. मौजूदा समय में चल रही वार्ता इसलिए अहम है क्योंकि यह दोनों देशों के लिए आर्थिक संबंधों को बेहतर करने का मौका है.
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भारत के व्यापारिक समझौते!
भारत ने ऑस्ट्रेलिया, UAE, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे जैसी प्रमुख आर्थिक शक्तियों के साथ अपने ट्रेड टैक्स को कम किया है. भारत ने हाल में हुए द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को संभव बनाया है. अमेरिका के साथ वार्ता भी इसी दिशा में चल रही है, और दोनों देशों के बीच संबंधित समझौतों को एक नई गति मिलने की उम्मीद है.