
भारत और अमेरिका एक व्यापार समझौते पर बातचीत करने की योजना बना रहे हैं, और दोनों देश बाजार पहुंच बढ़ाने, आयात शुल्क और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन इन्टिग्रेशन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. ये बात मंगलवार को संसद में बताई गई है.
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि आज की तारीख तक, अमेरिका द्वारा भारत पर रेसीप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया गया है.
उन्होंने कहा, "दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की योजना बना रहे हैं. दोनों देश बाजार पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन इन्टिग्रेशन को बढ़ाने पर जोर देंगे."
US के ज्ञापन में क्या बातें?
अमेरिका ने 13 फरवरी को पारस्परिक व्यापार और टैरिफ पर एक ज्ञापन जारी किया, जिसमें अमेरिकी वाणिज्य सचिव और संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (USTR) को व्यापारिक साझेदारों द्वारा अपनाई गई किसी भी गैर-पारस्परिक व्यापार व्यवस्था से अमेरिका को होने वाले नुकसान की जांच करने के लिए जरूरी कार्रवाई करनी है और हर व्यापारिक साझेदार के लिए प्रस्तावित उपायों के साथ एक रिपोर्ट देनी है.
टैरिफ क्या है?
टैरिफ़ आयात शुल्क हैं, जो सरकार द्वारा लगाए और वसूले जाते हैं और विदेशी वस्तुओं को देश में लाने के लिए कंपनियों द्वारा भुगतान किए जाते हैं.
PM का US दौरा और फैसले
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान, भारत और अमेरिका ने 2030 तक दोतरफा वाणिज्य को दोगुना करके 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने और 2025 की शरद ऋतु तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की पहली किश्त पर बातचीत करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की.
साल 2023 में, वस्तुओं और सेवाओं में अमेरिका-भारत द्विपक्षीय व्यापार 190.08 बिलियन अमरीकी डॉलर (वस्तुओं में 123.89 बिलियन अमरीकी डॉलर और सेवाओं के व्यापार में 66.19 बिलियन अमरीकी डॉलर) था. उस साल, अमेरिका को भारत का माल निर्यात 83.77 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि आयात 40.12 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिससे भारत के पक्ष में 43.65 बिलियन अमरीकी डॉलर का व्यापार घाटा रह गया.
2021-24 के दौरान, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था. अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है, जिनके साथ भारत का ट्रेड सरप्लस है.
'भारत लगातार काम कर रहा...'
जितिन प्रसाद ने यह भी कहा कि भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को लाभकारी और निष्पक्ष तरीके से बढ़ाने और व्यापक बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है और भारतीय निर्यातक व्यापार बास्केट और निर्यात गंतव्यों में विविधता लाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को एक संसदीय पैनल को बताया कि दोनों देशों के बीच बातचीत अभी भी जारी है और व्यापार शुल्क पर अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है.
बर्थवाल ने विदेश मामलों की संसदीय समिति को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावों के बारे में जानकारी दी कि भारत अपने टैरिफ को "काफी कम" करने पर सहमत हो गया है, जबकि विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने समिति को चीन और यूरोप के बारे में जानकारी दी.
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 8 मार्च को अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ व्यापार वार्ता करने के बाद वॉशिंगटन से लौटे.
अपनी हफ्ते भर की यात्रा के दौरान गोयल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) जैमीसन ग्रीर और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के साथ बातचीत की. वार्ता के लिए मंत्री के फिर से अमेरिका आने की उम्मीद है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अन्य देशों द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ की आलोचना की है और इसे बहुत अनुचित बताया है और अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाने वाले देशों पर 2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.