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तवांग में तनाव के बीच इंडियन एयरफोर्स का शक्ति प्रदर्शन, चीन बॉर्डर पर आज गरजेंगे सुखोई-राफेल

Tawang Clash: तवांग में ड्रैगन आर्मी से झड़प के बाद भारतीय वायुसेना चीन बॉर्डर पर अहम युद्धाभ्यास करने जा रही है. इस युद्धाभ्यास में राफेल, सुखोई समेत देश के लगभग सभी फ्रंटलाइन फाइटर जेट अपनी ताकत दिखाएंगे. इसमें भारत के सभी फ्रंटलाइन एयरबेस और कुछ एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा. 

LCA Tejas (फोटो- HAL) LCA Tejas (फोटो- HAL)
गौरव सावंत/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों की 9 दिसंबर को हुई झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण हैं. इन सबके बीच भारतीय वायुसेना गुरुवार से पूर्वोत्तर में चीन सीमा के पास आज से दो दिन (15 और 16 दिसंबर) का युद्धाभ्यास करेगी. इस युद्धाभ्यास में राफेल, सुखोई समेत देश के लगभग सभी फ्रंटलाइन फाइटर जेट अपनी ताकत दिखाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता और पूर्वोत्तर में सैन्य तैयारियों को परखना है. उधर, फ्रांस से आखिरी राफेल भी गुरुवार को भारत आ गया है.

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सूत्रों का कहना है कि ये युद्धाभ्यास भारत और चीनी सैनिकों की झड़प से पहले से तय है. ऐसे में इसका तवांग के यांगत्से में हुई झड़प से कोई लेना देना नहीं है. इस युद्धाभ्यास में सुखोई-30MKIs, राफेल समेत तमाम अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास में भारत के सभी फ्रंटलाइन एयरबेस और कुछ एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा. 
 
पूर्वी लद्दाख में 2020 में भारत और चीन का सीमा को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद से भारतीय सेना और वायुसेना अरुणाचल और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले दो सालों से हाई लेवल ऑपरेशनल तैयारियों को बरकरार रखा है. पिछले हफ्ते भी भारतीय वायुसेना ने तवांग में एलएसी के पास चीन की गतिविधियों को देखते हुए लड़ाकू विमान तैनात किए थे. दरअसल, तवांग में 9 दिसंबर को हुई झड़प से पहले 2-3 बार चीन के ड्रोन एलएसी के पास आए थे, इसके बाद भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 विमानों ने इन्हें खदेड़ा था. 

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कहां-कहां से उड़ान भरेंगे लड़ाकू विमान?

वायुसेना का ये युद्धाभ्यास तेजपुर, चाबुआ, जोरहट और हाशिमारा एयरबेस पर होगा. यह युद्धाभ्यास वायुसेना की पूर्वी कमांड करेगी. पूर्वोत्तर से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी पूर्वी कमांड ही करती है. तेजपुर और चाबुआ में जहां सुखोई-30 की स्क्वाड्रन है, तो वहीं हाशिमारा में राफेल की स्क्वाड्रन है. इतना ही नहीं इन सबके बीच आज फ्रांस से भारत को आखिरी राफेल भी मिल गया है.
 


भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ा

इससे पहले सोमवार को भारतीय सेना ने बताया था कि तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीनी सैनिक आमने सामने आ गए थे. इसमें दोनों ओर के कुछ जवानों को चोटें आई हैं. इससे पहले जून 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान में हिंसक झड़प हुई थी. 
 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में इस मुद्दे पर बयान दिया था. उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से चीनी सैनिकों पीछे खदेड़ दिया. उन्होंने बताया कि 09 दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान दोनों पक्ष आमने सामने आ गए. हाथापाई भी हुई. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. लेकिन मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ. 

 

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