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आठ दिन, मौत का खौफ और हनीमून... आतंक की गिरफ्त में फंसे कपल ने याद की IC 814 हाईजैक की आपबीती

1999 में आईसी 814 के अपहरण की कहानी में नवविवाहित कपल इप्सिता और बिपिन मेनन का अनुभव हमें दिखाता है कि कैसे उन्होंने कंधार के उस बड़े संकट में साहस और धैर्य से सामना किया. यह कहानी नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है. पढ़ें हाईजैक की कहानी मेनन कपल की कहानी.

हाईजैक की कहानी मेनन कपल की जुबानी! हाईजैक की कहानी मेनन कपल की जुबानी!
सुशीम मुकुल
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर आई नई सीरीज ने 1999 आईसी 814 प्लेन हाईजैक की यादें ताजा कर दी हैं. इस सीरीज के बाद वे हनीमून कपल भी उस खौफनाक घटना की आपबीती याद कर रहे हैं, जो उस दिन प्लेन में सवार थे. हाईजैक की गई प्लेन में 26 नवविवाहित जोड़े थे, जिनमें 24 वर्षीय इप्सिता और 28 वर्षीय बिपिन मेनन भी शामिल थे. आजतक ने कपल से बात की. पढ़ें हाईजैक की कहानी मेनन कपल की जुबानी.

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1999 में भारतीय एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. इस हवाई जहाज में 26 नवविवाहित जोड़े अपने हनीमून के बाद घर लौट रहे थे. इप्सिता और बिपिन मेनन, उन जोड़ों में से एक थे. 13 दिन पहले शादी करने वाले इस जोड़े को अपने हनीमून की यादें संजोने का मौका भी पूरी तरह नहीं मिला था कि वे आतंक की गिरफ्त में फंस गए.

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आठ दिन मौत के साए में जब मेनन कपल रहे साथ

जब हाइजैकरों ने यात्रियों को अलग-अलग करने की कोशिश की, तो ज्यादातर जोड़ों को अलग कर दिया गया, लेकिन किसी तरह मेनन कपल को साथ रहने का मौका मिल गया. अगले आठ दिनों तक, उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थामे रखा, एक-दूसरे को दिलासा देते रहे और मौत के साए में प्रेम में सराबोर रहे.

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अनुभव सिन्हा की सीरीज के बाद नई पीढ़ी को उस पूरी घटना से अवगत होने का मौका मिला है. हाईजैकिंग के 25 साल बाद घटना पर आई सीरीज को देखकर, पिछली पीढ़ी भी खौफनाक घटना को याद कर रहे हैं और अपना अनुभव साझा कर रहे हैं.

जब हुआ प्लेन हाईजैक का ऐलान!

24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आने वाली ये फ्लाइट सुबह 4 बजे उड़ान भरने को तैयार थी. बोर्डिंग में कुछ देर हुई और यात्रियों को 45 मिनट की उड़ान के लिए स्नैक्स परोसे जा रहे थे. बिपिन बताते हैं, "कर्मचारी ट्रे समेट रहे थे और मैं खिड़की से हिमालय की खूबसूरती निहार रहा था, जब अचानक ऐलान हुआ, 'ये हाइजैक है. ये हाइजैक है.'"

जैसा कि बिपिन ने बताया, एक बंदूकधारी ने ऐलान किया कि, "यह हाइजैक है.” वह बंदूक लहरा रहा था लेकिन सही तरह से संभाल नहीं पा रहा था, जिससे यह स्पष्ट था कि वह नया आतंकवादी था. पायलट देवि शरण ने भी ऐलान किया कि, "कृपया उनकी बात मान लें."

उन्हें बताया गया कि पायलट को बंदूक की नोक पर रखा गया है. बता दें कि पांच आतंकवादियों में- सन्नी अहमद काजी, शाकिर, मिस्त्री, शाहिद अख्तर सईद, और इब्राहीम अथर ने पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन (HuM) के सदस्य थे, जो अपना नेम-कोड के साथ प्लेन में सवार हुए थे.

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जैसे ही पायलट ने पुष्टि की कि प्लेन को हाइजैक कर लिया गया है, इप्सिता ने बिपिन की ओर हैरान होकर देखा और वह बताती हैं, "मैंने पूछा, 'हाइजैक? क्या बच्चे कोई मजाक कर रहे हैं?' वे मुझे इतने युवा लगे."

अगले कुछ दिनों में, मेनन कपल  ने एक-दूसरे को सहारा दिया और अपने डर में एक दूसरे को दिलासा देते रहे. हर तरह की चुनौतियों के बीच, उन्होंने संतरे और दूध पर जिंदा रहने का फैसला किया ताकि वे भीड़-भाड़ वाले टॉयलेट का इस्तेमाल न करना पड़े.

कंधार में ठहरे इस यात्री विमान ने उनके जीवन में एक अकल्पनीय त्रासदी लाई, लेकिन इस घटना ने उनके रिश्ते को और भी मजबूती दी. इप्सिता और बिपिन मेनन ने इस घटना से उभरकर एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम और समर्थन को प्रायरिटी दी, और यह साहस और धैर्य का एक बेहतरीन उदाहरण साबित हुआ.

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