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चीन के साइबर वॉरफेयर से मुकाबले के लिए भारत कैसे कर रहा है तैयारी? आर्मी चीफ ने बताया

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमने रूस-यूक्रेन युद्ध से कई बातें सीखीं. सेना को और सैनिकों आधुनिक बनाया जा रहा है. हम ऐसे युवाओं को सेना में शामिल करना चाहते हैं जो तकनीकी रूप से दक्ष हों. चीनी भाषा जानते हों. साइबर एक्सपर्ट हों. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी रखते हों.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण पर डाला जोर. (फोटोः मनीष रावत/इंडिया टुडे) इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण पर डाला जोर. (फोटोः मनीष रावत/इंडिया टुडे)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

युद्ध का तरीका बदल रहा है. इसका भविष्य क्या होगा. ड्रोन वॉरफेयर. साइबर अटैक. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. भारतीय सेना (Indian Army) के प्रमुख जनरल मनोज पांडे खुद एक इंजीनियर हैं. जो इस चीज को समझते हैं. इस सवाल पर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमने रूस-यूक्रेन से कई महत्वपूर्ण चीजें सीखी हैं. ये रणनीतिक तौर पर हमें मजबूत बनाएंगी. लेकिन उसे हमारे भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखना होगा. 

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सबसे पहले हमें सबसे ज्यादा हार्ड पावर की तरफ ध्यान देना होगा. यानी परंपरागत हथियारों पर. इसके बाद लैंड होल्ड पर यानी सीमाओं की सुरक्षा. तीसरी बात ये कि युद्ध कम समय का होना चाहिए. ताकि वो जल्दी से खत्म हो सके. रूस-यूक्रेन की तरह इतना लंबा खिंचने वाली लड़ाई नहीं. भविष्य के युद्ध छोटे और मारक होंगे. 

हमें लगातार सप्लाई चेन पर फोकस करना होगा. ताकि हथियारों, रसद और तकनीकी सपोर्ट की सप्लाई होती रहे. सिर्फ काइनेटिक वॉरफेयर पर ही ध्यान नहीं देना है. बल्कि साइबर, एआई जैसे वॉरफेयर पर भी नजर रखनी होगी. आधुनिक तकनीकों को बढ़ाना होगा. जनरल इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 के पहले सेशन बैज ऑफ करेजः सोल्जर्स, रोबोट्स, बॉर्ड्स, एआई. द चैलेंज ऑफ न्यू जेनरेशन वॉरफेयर. एंड द आइडिया ऑफ इंडिया इन यूनिफॉर्म में बोल रहे थे. 

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नए और पुराने युद्ध के तरीकों का संतुलन बनाना होगा

सबसे बड़ी बात है सिटिजन सैनिकों की. उनके महत्व को छोड़ नहीं सकते. यूक्रेन में सिटिजन सैनिकों ने रूस की हालत खराब कर दी. ड्रोन्स पर ध्यान देना होगा. साथ ही हमें सैनिकों को मल्टीटास्किंग बनाना होगा. सेना में एडवांस टेक्नोलॉजी को शामिल करना हमारे सेना के ग्रोथ प्लान में शामिल है. ताकि हम इनका उपयोग अलग-अलग तरह के वॉरफेयर में कर सकें. हमें पुराने और नए का संतुलन बनाना होगा. हम अपने असीमित ताकतों, विज्ञान, टेक्नोलॉजी का संतुलन बनाना होगा.

डिफेंस स्टार्टअप्स बेहतर हथियार और तकनीक दे रहे हैं

जनरल मनोज पांड ने कहा कि हमारे पास कई डिफेंस स्टार्टअप्स हैं, जो बेहतर काम कर रहे हैं. एकेडेमिक सपोर्ट मिल रहा है. डिफेंस ब्लॉक चेन लगातार बेहतर बन रहा है. बतौर इंजीनियर मैं सेना में हो रहे बदलाव को बेहद आधुनिक देखता हूं. हमें भविष्य के युद्ध की परिभाषा को बदलना होगा. हम बदल भी रहे हैं. प्रशासनिक और ग्राउंड लेवल दोनों पर बदलाव हो रहा है. ऐसे रणनीतिक स्कूलों की मदद लेनी होगी जो पुराने और नए युद्धों को लेकर बेहतर जानकारी रखते हैं.

अग्निवीरों के दो बैच तैयार, वो सेना-देश के लिए पूरी तरह पॉजिटिव

जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निवीरों की ट्रेनिंग सफलतापूर्वक चल रही है. उनके दो बैच लगभग तैयार हैं. इन्हें लेकर हमने रोडमैप बना लिया है. संबंधित सेक्टर्स और लोगों को जिम्मेदारी दे दी है. हम सीमा पर अपनी सुरक्षा दीवार को कमजोर नहीं कर सकते. अग्निवीरों की पहली दो बैच अपनी ट्रेनिंग पूरी कर रही है. इनकी ट्रेनिंग रेजिमेंटल सेंटर्स में चल रही है. जो अग्निवीर आए हैं, वो बेहद सकारात्मक हैं. ट्रेनिंग को लेकर, सेना और देश को लेकर काम करना चाहते हैं. अग्निवीरों को भविष्य में हम टेक्निकल विंग और कॉम्बैट विंग्स में शामिल करेंगे. उसके लिए हम उन्हें खास ट्रेनिंग देने को तैयार हैं. इसके लिए हम सभी जरूरी अरेंजमेंट कर रहे हैं. 

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ऐसे युवाओं का सेना में स्वागत है, जो साइबर वॉरफेयर समझते हों

साइबर वॉरफेयर में हम सेना के साथ ऐसे लोगों को जोड़ना चाहते हैं, ऐसे लोगों को रिक्रूट करना चाहते हैं, जो चीन की भाषा मैंडेरिन समझते हों. जो साइबर डोमेन में एक्सपर्ट हों. हम उन्हें सबसे पहले टेरिटोरियल आर्मी में ला रहे हैं. फिर अग्निवीरों में भी ऐसे लोगों को खोज रहे हैं, आईटीआई से ट्रेंड युवकों के लिए भी सेना में मौका है. इस समय सेना के लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं, वो हमें जीत दिलाएंगी. जंग चाहे किसी भी तरह की क्यों न हो. 

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