
चीन की सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर स्थिति सामान्य और संतुलित है. जहां तक बात रही उस जगह पर सेना को बढ़ाने की. तो अभी जरुरत नहीं है. लेकिन जो वहां तैनात हैं, उन्हें बेहतर हथियार, रसद, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करके देना जरूरी है. ये बात भारतीय सेना (Indian Army) के प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 के पहले सेशन बैज ऑफ करेजः सोल्जर्स, रोबोट्स, बॉर्ड्स, एआई. द चैलेंज ऑफ न्यू जेनरेशन वॉरफेयर एंड द आइडिया ऑफ इंडिया इन यूनिफॉर्म में कही.
उन्होंने कहा कि चीन की सीमा के आसपास हेलीपैड्स बना रहे हैं. सड़कें बन रही हैं. सीमा के पास रनवे और एयरफोर्स स्टेशन बन रहे हैं. ताकि LAC के आसपास किसी तरह की कोई कमी न हो. साथ ही किसी भी तरह के सिचुएशन को संभालने के लिए हमारे पास पर्याप्त बैकअप है. हमारी तैयारी उच्च स्तर की है. गर्मियां आ रही है, हम कुछ बदलाव कर सकते हैं.
जनरल मनोज पांडे ने कहा कि बातचीत के जरिए हमने चीन के साथ सीमा संबंधी कुछ मुद्दे सुलझाएं है. जल्द ही बाकी बचे हुए मुद्दों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. चीन के साथ लगातार बातचीत चल रही हैं. जहां संतुलन होना चाहिए वहां बना हुआ है. हमारी सेना तैनात और अलर्ट हैं. किसी भी तरह की गलत हरकत का सही जवाब दिया जाएगा.
पाकिस्तान से किसी तरह का खतरा नहीं
LOC से कोई खतरा है क्या? यानी पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के आतंकी हमले की कोई आशंका है. इस पर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति फिलहाल सही नहीं है. हम उनकी स्थिति को देखते हुए अलर्ट हैं. सीमा पर भी सतर्कता बरती जा रही है. किसी भी तरह का घुसपैठ होने नहीं दिया जाएगा.
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन्स तैनात किए जा रहे हैं. पाकिस्तान से ड्रोन्स, घुसपैठ, ड्रग्स आते हैं. सेना की अलर्टनेस की वजह से लेकिन इनमें कमी आई है. सीमा पार से इस तरफ आने वाले हिंसक लोगों को रोका जा रहा है. आतंकी इस समय टारगेट किलिंग भी नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि सेना सीमा पर सजग है. फिलहाल सीमा का पर्यावरण संतुलित है.
आत्मनिर्भर सेना से क्या मतलब है, इस पर दिया ये जवाब
आत्मनिर्भर सेना का क्या मतलब है? क्या सेना इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी नहीं लेगी? जबकि वो ज्यादा एडवांस हैं. इस पर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि आत्मनिर्भर सेना के मामले में रूस का उदाहरण जरूरी है. हम अगर खुद बनाएंगे तो हमारा सप्लाई चेन बेहतर रहेगा. युद्ध के समय हम किसी देश से हथियार या तकनीक आने का इंतजार नहीं कर सकते.
स्वदेशी उत्पादों का फायदा सेना को बहुत ज्यादा होगा. हम किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे. देश की डिफेंस इंडस्ट्री बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. जो गैप है वो बहुत जल्दी भर जाएगा. आज जो यूनिफॉर्म पहनी है ये कॉम्बैट यूनिफॉर्म है. ये शुक्रवार का ड्रेस कोड है. हम और कई यूनिफॉर्म लेकर आएंगे जिन्हें सभी सैनिकों को दिया जाएगा, वो समय पर होगा. क्योंकि प्रोडक्शन लगातार जारी है.