Advertisement

Pinaka के अपग्रेड रॉकेट का सफल परीक्षण, बढ़ी सेना की ताकत

राजस्थान के जैसलमेर स्थित पोकरण में पिनाका एमके-1 रॉकेट सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. यह परीक्षण अभी 3-4 दिन और चलेगा. परीक्षण में रॉकेटों ने तय टारगेट को सटीकता से ध्वस्त कर दिया. आइए जानते हैं भारतीय सेना के इस ताकतवर और घातक रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता को.

पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज से दागा जाता पिनाका रॉकेट सिस्टम. (फाइल फोटोःट्विटर/DRDO ) पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज से दागा जाता पिनाका रॉकेट सिस्टम. (फाइल फोटोःट्विटर/DRDO )
aajtak.in
  • जैसलमेर,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST

चीन और पाकिस्तान लगातार देश की सुरक्षा के लिए दिक्कत खड़ी करते रहते हैं. ऐसे में भारतीय सेना अपने हथियारों को अपग्रेड करती रहती है. उनका परीक्षण करती रहती है. इसी कड़ी में सोमवार को जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा पिनाका एमके-1 (ERPS) रॉकेट सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. आज शुरू हुई पिनाका रॉकेट की फायरिंग 3-4 दिन जारी रहेगी.

Advertisement

पिनाका का यह अपग्रेड वर्जन करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद टारगेट को सफलतापर्वूक हिट कर सकता है. यह अपने साथ करीब 100 किलो तक का वॉरहेड ले जा सकता है. नए पिनाका अपग्रेड वर्जन रॉकेट ने सभी परीक्षणों में सटीक निशाने लगाए. यह पिनाका का नया सिस्टम अपने नए मानकों पर एकदम खरा उतरा. इससे भारतीय सेना की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी.

इस रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता 45 किलोमीटर है. यह 100KG वॉरहेड ले जा सकता है. (फाइल फोटोः ट्विटर/DRDO)

पिनाका एमके-1 के एडवांस वर्जन का परीक्षण विपरीत परिस्थितियों में सटीक निशाना साधने के लिए किया जा रहा हैं. ये रॉकेट दागने के बाद भी अपनी दिशा को मोड़ सकती है. ये निशाना बदलने के बाद भी टारगेट को एकदम सटीक तरीके से हिट करती है. मार्क 1 पिनाका का एडवांस्ड वर्जन है. इस मिसाइल से किसी गाड़ी, बंकर, बेड़े, तोप या किसी भी टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है. 

Advertisement

साल 1980 में पिनाका सिस्टम को विकसित करने की शुरुआत हुई थी. इसके दस साल बाद पिनाका मार्क वन का परीक्षण भी सफल रहा. पिनाका को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है. 15 फुट लंबी इस मिसाइल का वजन लगभग 280 किलो है. 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाका मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पहाड़ की चैकियों पर तैनात पाकिस्तानी चैकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था. (इनपुटः विमल भाटिया)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement