
चीन और पाकिस्तान लगातार देश की सुरक्षा के लिए दिक्कत खड़ी करते रहते हैं. ऐसे में भारतीय सेना अपने हथियारों को अपग्रेड करती रहती है. उनका परीक्षण करती रहती है. इसी कड़ी में सोमवार को जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा पिनाका एमके-1 (ERPS) रॉकेट सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. आज शुरू हुई पिनाका रॉकेट की फायरिंग 3-4 दिन जारी रहेगी.
पिनाका का यह अपग्रेड वर्जन करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद टारगेट को सफलतापर्वूक हिट कर सकता है. यह अपने साथ करीब 100 किलो तक का वॉरहेड ले जा सकता है. नए पिनाका अपग्रेड वर्जन रॉकेट ने सभी परीक्षणों में सटीक निशाने लगाए. यह पिनाका का नया सिस्टम अपने नए मानकों पर एकदम खरा उतरा. इससे भारतीय सेना की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी.
पिनाका एमके-1 के एडवांस वर्जन का परीक्षण विपरीत परिस्थितियों में सटीक निशाना साधने के लिए किया जा रहा हैं. ये रॉकेट दागने के बाद भी अपनी दिशा को मोड़ सकती है. ये निशाना बदलने के बाद भी टारगेट को एकदम सटीक तरीके से हिट करती है. मार्क 1 पिनाका का एडवांस्ड वर्जन है. इस मिसाइल से किसी गाड़ी, बंकर, बेड़े, तोप या किसी भी टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है.
साल 1980 में पिनाका सिस्टम को विकसित करने की शुरुआत हुई थी. इसके दस साल बाद पिनाका मार्क वन का परीक्षण भी सफल रहा. पिनाका को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है. 15 फुट लंबी इस मिसाइल का वजन लगभग 280 किलो है. 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाका मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पहाड़ की चैकियों पर तैनात पाकिस्तानी चैकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था. (इनपुटः विमल भाटिया)