
नए साल पर जहां दुनिया भर में खुशियां मनाई गईं, वहीं भारत-चीन तनाव के बीच, पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स और डेमचोक इलाकों में डेरा डाले भारतीय और चीनी सेनाओं ने भी नया साल मनाया. यही नहीं दोनों देशों की सेनाओं ने नए साल के दिन एक दूसरे को उपहार भी दिए.
मई 2020 में देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. बावजूद इसके, भारतीय और चीनी सेनाओं ने नए साल के दिन उपहारों का आदान-प्रदान करके दोनों देशों ने अपने बीच का तनाव कम करने की कोशिश की.
दोनों सेनाओं के जवानों के बीच बधाई और उपहारों का देना-लेना काफी सार्थक माना जा रहा है, क्योंकि सेनाओं के बीच हुए तनाव में हॉट स्प्रिंग्स का इलाका बेहद संवेदनशील था. इस इलाके पर हुए विवाद का हल अभी तक नहीं निकला है.
भले ही डेमचोक क्षेत्र गतिरोध का हिस्सा नहीं था, वहां सैन्य निर्माण जारी है और भारत ने लद्दाख के सभी विवादित क्षेत्रों के लिए अंतिम प्रस्ताव पर जोर दिया है, लेकिन चीन की इसमें दिलचस्पी नहीं है.
इसके अलावा, केके पास, डीबीओ, बॉटलनेक, कोंकला, चुशुल मोल्दो, डेमचोक हॉटस्प्रिंग, नाथुला, कोंगराला, बम ला, वाचा दमाई में भी भारतीय सेना और चीनी सेना ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं और मिठाइयां बांटीं.
पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से स्थिति सामान्य करने की भारत की पहल चीन को रास नहीं आ रही है और गतिरोध जारी है. भारत इस बात पर जोर दे रहा था कि पैंगोंग त्सो, गलवान और गोगरा में, जहां बफर जोन बनाए गए हैं, वहां टुकड़ों में अलगाव से अंतिम समाधान नहीं निकलेगा. चीन हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र के लिए एक समान बफर जोन पर जोर देता है.
इन क्षेत्रों में 3 से 10 किमी के बफर जोन का मतलब है कि भारत उन क्षेत्रों में गश्त नहीं कर सकता है जो परंपरागत रूप से करता था. कोर-कमांडर स्तर की 13 बैठकें हो चुकी हैं लेकिन गतिरोध जारी है. आगे की जगहों से सैनिक कम नहीं किए गए हैं.
लद्दाख में सैनिकों की तैनाती
पिछले मई 2020 में लद्दाख में तनाव शुरू होने के बाद से इस क्षेत्र में 50,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है. लद्दाख ही नहीं, चीन पिछले एक साल में अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की सीमा से लगे पूर्वी क्षेत्र में आक्रामक कदम उठा रहा है. साल के अंत में, रक्षा मंत्रालय ने अपनी समीक्षा में कहा, "वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर, चीन द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए, एक से अधिक क्षेत्रों में, एकतरफा और उत्तेजक कार्रवाई की गई हैं."