
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग का कहना है कि 220,000 भारतीय अप्रवासी अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं. इनमें से कई को हाल ही में देश से निर्वासित किया गया है. सतपाल सिंह भी उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें अमेरिका से भारत वापस भेजा गया. सतपाल सिंह इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे सतपाल ने पूरी कहानी बताई कि वह कैसे अमेरिका पहुंचे और डिपोर्ट के दौरान उनके साथ कैसा बर्ताव किया गया.
सतपाल सिंह, पंजाब के फिरोजपुर जिले से हैं, और अवैध रूप से अमेरिका जाने वाले प्रवासियों में से एक हैं. उन्होंने इस उम्मीद के साथ अमेरिका की ओर रुख किया था कि उन्हें वहां बेहतर नौकरी और आजीविका के साधन मिल सकेंगे. सतपाल बताते हैं कि उन्हें एक एजेंट ने धोखा दिया, जिसने उनसे 55 लाख रुपये लिए और उन्हें अवैध मार्ग से अमेरिका भेज दिया. उन्होंने अपनी जमीन बेचकर ये पैसे जुटाए था.
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"आई डॉन्ट नो" कहकर नजरअंदाज किया गया!
सतपाल सिंह का कहना है कि उन्हें और अन्य भारतीय प्रवासियों को पनामा के रास्ते अमेरिका से लाया गया. पनामा में उन्हें 15 दिनों तक रखा गया था, वहीं कैलिफोर्निया में उन्हें पांच दिन तक अत्यंत ठंडे कमरे में रखा गया, जहां उनकी स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि उनसे दवा की मांग करने पर अधिकारियों ने बस "आई डॉन्ट नो" कहकर नजरअंदाज कर दिया करते थे.
55 लाख रुपये एजेंट को देकर पहुंचे थे अमेरिका
सतपाल ने यह भी बताया कि उन्हें झूठे वादों में फंसाकर अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचाया गया, जबकि उन्होंने लीगल तरीके से वीजा के माध्यम से जाने की योजना बनाई थी. इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन भी बेच दी थी. दुर्भाग्य रहा कि, एजेंट ने उनसे 55 लाख रुपये वसूलकर धोखा दिया और सतपाल के दावे के मुताबिक, उन्हें अवैध डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचाया था.
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अब कभी अमेरिका नहीं जाएंगे सतपाल!
सतपाल सिंह ने बताया कि अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाता है. उन्हें गलतप्रवासी ठहराकर कैद किया जाता है और उन्हें बेड़ियां लगाकर प्लेन में वापस भेजा जाता है, जबकि अन्य देशों के नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका से लौटने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि अपने देश से बेहतर कोई जगह नहीं है, और अब वो कभी वापस अमेरिका नहीं जाएंगे.