
भारतीय नौसेना अपने युद्धपोतों की मारक क्षमता को मजबूत करने में जुटी है. नौसेना अपने युद्धपोतों को 38 नई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों से लैस करना चाहती है, जो 450 किमी की दूरी तक निशाना साध सकती हैं.
सरकार के एक सूत्र ने कहा कि 38 ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए 1700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास है और इसे जल्द ही मंजूरी मिल सकती है. इन मिसाइलों को नौसेना के निर्माणाधीन विशाखापत्तनम श्रेणी के युद्धपोतों पर फिट किया जाएगा, जो बहुत जल्द सक्रिय सेवा में शामिल होने जा रहे हैं. ब्रह्मोस को युद्धपोतों का मुख्य हथियार माना जाता है और ये पहले से कई युद्धपोतों पर स्थापित हैं.
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भारतीय नौसेना ने इसी महीने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में किया गया था. इससे पहले 24 नवंबर को सतह से सतह तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया था.
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच भारत अपनी ताकत बढ़ाने में जोर-शोर से जुटा है. पिछले तीन महीनों से एक के बाद एक कई क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है. भारत और रूस के संयुक्त प्रयासों से बनाई गई सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के भी अलग-अलग संस्करणों के परीक्षण किए गए.
ब्रह्मोस अपनी श्रेणी में दुनिया की सबसे तेज परिचालन प्रणाली है और डीआरडीओ द्वारा इस मिसाइल प्रणाली की सीमा को 290 किलोमीटर से बढ़ाकर करीब 450 किलोमीटर कर दिया गया है. ब्रह्मोस मिसाइल के नौसेना संस्करण का 18 अक्टूबर को अरब सागर में सफल परीक्षण किया गया था.