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गुजरात के कच्छ जिले के लतीफ समा अपनी सजा पूरी कर लेने के बाद भी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. वह जून 2018 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे. पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें जासूस समझकर पकड़ लिया था और कराची के लांढी जेल में बंद कर दिया था. अब परिवार ने भारत सरकार से उन्हें वापस भारत लाने में मदद की गुहार लगाई है.
82 साल के लतीफ समा को सितंबर 2018 को पाकिस्तान की अदालत ने सजा सुनाई, जो 22 अप्रैल 2019 को लतीफ की सजा खत्म हो गई. उनकी भारत वापसी को लेकर उनका परिवार लगातार केंद्र सरकार से गुहार लगा रहा है.
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पाकिस्तान से रिहाई पर बातचीत जारी
केंद्र ने इस बारे में राज्य सरकार से जानकारी भी तलब की है. केंद्र सरकार ने भी परिवार के चिट्ठी के जवाब में बताया कि लतीफ ने अपनी सजा पूरी कर ली है और पाकिस्तान सरकार से उनकी रिहाई पर बातचीत जारी है. पाकिस्तान की तरफ से उनकी नागरिकता की पहचान किया जाना है.
जल्द भारत वापस लाने की परिवार ने लगाई गुहार
फसल समा, एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और पाकिस्तान की जेलों में बंद चार लोगों की स्वदेश वापसी कराई है. उन्होंने कहा कि लतीफ की रिहाई के लिए हमने काफी कोशिश की हैं, भारत सरकार के पाकिस्तान स्थित हाईकमिशन और विदेश मंत्रालय को भी खत लिखे हैं, हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द लतीफ को भारत वापस लाने में हमारे मदद करें.
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88 साल के हो गए लतीफ समा
पांच साल पहले सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंचे लतीफ अब 88 साल के हो गए हैं. सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं कि सजा काटने के बावजूद उनकी नागरिकता की पुष्टि कहा तक पहुंची है? और पाकिस्तान सरकार से लतीफ को रिहाई कब मिलेगी? परिवार को इन्हीं सवालों के जवाब की तलाश है. वे लगातार केंद्र सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं.