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Indian Railways: भारतीय रेलवे की मदद से रोजाना लाखों लोग एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा करते हैं. त्योहारों के समय ट्रेनों में टिकट मिलना काफी मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से यात्री कई महीने पहले ही टिकट बुक करवा लेते हैं. हालांकि, कई बार किसी वजह से उन्हें टिकट कैंसिल करवानी पड़ती है. टिकट कैंसिलेशन और उस पर लगने वाले जीएसटी को लेकर कई तरह की अटकलें चल रही हैं. इन्हीं तमाम बातों को लेकर रेलवे मंत्रालय ने जानकारी मुहैया करवाई है.
रेल मंत्रालय ने कहा कि 23 सितंबर, 2017 को जारी किए गए निर्देश के अनुसार, टिकट रद्द करने के मामले में, टिकटों के कैंसिलेशन और किराया नियम के रिफंड के मामले में बुकिंग के समय चार्ज किए गए जीएसटी की कुल राशि वापस की जाती है.
हालांकि, मंत्रालय ने यह भी कहा कि रिफंड नियम के अनुसार लागू कैंसिलेशन/क्लर्केज चार्ज और कैंसिलेशन/क्लर्केज चार्ज पर जीएसटी की राशि रेलवे द्वारा बरकरार रखी जाती है. यह केवल एसी और प्रथम श्रेणी में लागू है. वित्त मंत्रालय की ओर से जीएसटी वसूला जाता है. नियमों/प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
बता दें कि तीन अगस्त को वित्त मंत्रालय की टैक्स रिसर्च यूनिट द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि बुकिंग टिकट एक कॉन्ट्रैक्ट है, जिसके तहत सर्विस प्रोवाइडर (IRCTC/भारतीय रेलवे) द्वारा कस्टमर को सर्विस दी जाती है. इसी नोटिफिकेशन के अनुसार, फर्स्ट क्लास या फिर एसी कोच टिकट के कैंसिल करने पर पांच फीसदी का जीएसटी लिया जाएगा. यह टिकट बुक करवाते समय लगने वाली ही जीएसटी दर है.
उदाहरण के तौर पर समझें तो फर्स्ट क्लास या फिर एसी कोच के लिए कैंसिलेशन फीस 240 रुपये है और बुकिंग के समय पांच फीसदी का जीएसटी लगता है. इस तरह कैंसिलेशन के समय कुल राशि में से 252 रुपये काट कर यात्री को वापस किए जाते हैं. वहीं, स्लीपर या फिर सेकंड क्लास के लिए कोई भी जीएसटी लागू नहीं होता.