
कोरोना महामारी (Coronavirus) की दूसरी लहर का प्रभाव कम होते ही भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है. विभिन्न रूट्स पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है. रेलवे ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए ट्रेनों में कई बदलाव भी किए हैं. इन सबके बीच संसद में मानसून सत्र जारी है. इस दौरान केंद्र सरकार (Central Government) ने बताया कि किस तरह से रेलवे को कोविड (Covid) महामारी के लिए तैयार किया गया.
सरकार ने बताया कि किस तरह से डिब्बों के नए डिजाइन वेरिएंट की शुरुआत की गई. पैसेंजर डिब्बों के शौचालय के वॉशबेसन के अंदर और बाहर फ्री पैर से संचालित नल और तरल साबुन डिस्पेंसर लगाए गए. यात्री इंटरफेस वाले हैंडल पर एंटी माइक्रोबियल घटक के रुप में तांबे की कोटिंग की गई है. इसके अलावा लोगों को जागरुक रखने के लिए डिब्बें के अंदर कोविड एतिहात स्टीकर लगाए गए हैं.
सीमित लोगों को ही दी गई सीटें
कोरोना के दौरान भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) सॉफ्टवेयर के जरिए यात्रियों को केवल सीमित संख्या में सीटें आवंटित की जा रही थीं. फिलहाल, पीआरएस सॉफ्टवेयर के अनुसार ही, सभी को बर्थ आवंटिंत किए जा रहे हैं.
कोरोना ने लगाया रेलवे पर ब्रेक
बता दें कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए रेलवे ने एतिहात के तौर पर 23 जुलाई 2020 से सभी यात्री गाड़ियों को बंद कर दिया गया था. इसके बाद राज्य सरकारों के सुझावों उनकी चिंताओं और उनके द्वारा जारी स्वास्थ्य परामर्शों को ध्यान में रखते हुए कुछ ही स्टेशनों पर रूकने वाली स्पेशल गाड़ियों का परिचालन किया गया.