
Railway baby berth: रेलवे ने महिलाओं को सौगात देते हुए एक नई सुविधा की शुरुआत की है. दरअसल, लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली लखनऊ मेल ट्रेन के एक कोच में छोटे बच्चों को सुलाने के लिए एक अलग से जगह दी गई है. यह जगह थर्ड एसी ट्रेन कोच में सीट के साथ दी गई है, जिसे जरूरत नहीं पड़ने पर नीचे की ओर मोड़ा जा सकता है. हालांकि, सोशल मीडिया पर कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं.
आईआरटीएस अधिकारी संजय कुमार ने भी बेबी बर्थ सेवा की शुरुआत होने की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा, ''परीक्षण के आधार पर दिल्ली मंडल ने चुनिंदा ट्रेन में बच्चों के साथ मांओं को आराम से सोने की सुविधा के लिए बेबी बर्थ की शुरुआत की है. माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सर और माननीय दर्शना जरदोष के नेतृत्व में भारतीय रेलवे सर्विस को बेहतर स्तर पर ले जा रहा है.''
संजय कुमार के इस ट्वीट पर जहां कई लोगों ने बेबी बर्थ सर्विस के शुरू किए जाने की प्रशंसा की तो वहीं, कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए. एक यूजर ने ट्वीट किया, ''एक मां अपने बच्चे को हमेशा दायीं तरफ रखती है. इरादा अच्छा है लेकिन एक एक्स्ट्रा लेग सपोर्ट के रूप में काम करने के अलावा यह किसी भी अन्य उद्देश्य को पूरा नहीं करेगा. इससे अन्य यात्रियों को भी परेशानी होगी. 1st AC और 2nd AC सीट दोनों के लिए पर्याप्त हैं. रेलवे को स्लीपर और थर्ड एसी पर काम करने की जरूरत है.'' पूनम नाम की यूजर ने कॉमेंट पर रिप्लाई करते हुए सहमति जताई. उन्होंने लिखा कि ध्यान देने योग्य बिंदु है. मां बच्चे को कभी बाहर की तरफ नहीं रखती.
अधिकारी संजय कुमार ने भी जताई सहमति
IRTS अधिकारी संजय कुमार ने भी सहमति जताई है. उन्होंने लिखा कि इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि बच्चे को हमेशा अंदर ही रखा जाएगा. यहां तक कि जब बच्चा दाएं ओर होगा तो मां द्वारा एक्स्ट्रा स्पेस का इस्तेमाल किया जा सकता है. हो सकता है कि हम मां के लिए एक्स्ट्रा स्पेस बनाने के लिए काम करें, जिससे मां अपने बच्चे को आराम से रख सके.''
जानिए कैसी है यह बर्थ
इसमें बर्थ के साथ एक छोटी बर्थ अटैच की गई है, जिसे फोल्ड किया जा सकता है. इस पर ऊपर की तरफ़ एक छोटा हैंडल और साइड में भी एक रॉड लगाई गई है, जिससे बच्चे की पूरी सुरक्षा हो सके और चलती ट्रेन के ज्यादा तेज़ होने से बच्चा गिर न जाए. दोनों तरफ़, तकिया लगाकर बच्चे को उसमें सुलाया जा सकता है.