
अब रेल में सफर करने वाले यात्रियों को बेस किचन में बनाया हुआ खाना नहीं मिलेगा. दरअसल, भारतीय रेलवे ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) को एक बड़ा आदेश जारी करते हुए मोबाइल कैटरिंग के सारे कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने के लिए कहा है. रेलवे ने ये फैसला मद्रास हाईकोर्ट में इससे जुड़ा मसला उठने के बाद लिया है.
रेल मंत्रालय ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि इसे कोरोना के कारण पैदा हुए हालात की वजह से एक्सेप्शन मानें. साथ ही कहा कि इसे कॉन्ट्रैक्टर की गलती के रूप में जोड़कर ना देखा जाए. मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी फूड कॉन्ट्रैक्टर पर खाना नहीं परोसने की स्थिति में फाइन नहीं लगाया जाएगा. यदि कोई उचित बकाया है तो उसका हिसाब करके सिक्योरिटी डिपॉजिट और पूरी एडवांस फीस भी वापस करने का निर्देश दिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट में कैटरिंग के मुद्दे पर इंडियन रेलवे मोबाइल कैटरर्स एसोसिएशन (IRMCA) की ओर से 19 जनवरी 2021 को याचिका दायर की गई थी. जिसपर आदेश देते हुए कहा था कि भारतीय रेलवे आईआरएमसीएस की सेवा शुरू करने पर विचार करे.
गौरतलब है कि मार्च 2020 में कोरोना के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के बाद से आईआरएमसीए की सेवा बंद है. अदालत ने अधिकारियों से कहा था कि संगठन के सदस्यों को अपनी बातें रखने का पूरा मौका दिया जाए. बता दें क ट्रेनों में मोबाइल कैटरिंग की सर्विस वर्ष 2014 में शुरू की गई थी.