
उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और गंडक बैराज से छोड़े गए पानी ने रेलवे की मुश्किलें बढ़ा दी है. समस्तीपुर रेलमंडल (Samastipur Railway Division) ने नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए 15 अक्टूबर तक मानसून अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ़ की आशंका के मद्देनजर रेलवे ने कटाव स्थल पर बोल्डर और स्टोन डस्ट गिराने शुरू कर दिए है. इंजीनियरिंग विभाग की टीम पेट्रोलिंग कर रही है. बता दें कि समस्तीपुर रेलमंडल के कई रेलखंडों से गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है.
खासकर समस्तीपुर -दरभंगा, नरकटियागंज बाल्मीकिनगर, मानसी-सहरसा रेलखंडों पर कटाव के साथ बाढ़ का खतरा ज्यादा बना रहता है. बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने के लिए समस्तीपुर रेलमंडल ने बाढ़ से प्रभावित होने वाली जगहों के नजदीकी स्टेशनों पर पत्थरों के बोल्डर, स्टोन डस्ट, सीमेंट की खाली बोरियां, बांस-बल्ली का पर्याप्त मात्रा में इंतज़ाम किया है. वहीं, एहतियात के तौर पर कटाव वाले स्थलों पर बोल्डर और स्टोन डस्ट गिराए जा रहे है.
उत्तर बिहार के 15 जिलों में फैले समस्तीपुर रेलमंडल को हर साल बाढ़ से करोड़ों रुपये का नुकसान होता है. पिछले वर्ष समस्तीपुर दरभंगा रेलखंड के हायाघाट स्टेशन के नजदीक से गुजरने वाली बागमती नदी पर बने रेलवे के पुल संख्या 16 के गाटर पर बाढ़ का पानी आ गया था. जिस वजह से महीनों परिचालन ठप रहा. कई ट्रेनों का परिचालन या तो रद्द करना पड़ा था या दूसरे मार्गो से चलाई गई थी. इस बार बाढ़ आने से पूर्व ही रेलवे ने व्यापक पैमाने पर तैयारी पूरी कर ली है.
क्या कहते है अधिकारी
मानसून अलर्ट के बाद बाढ़ के आने की आशंका को देखते हुए पूर्व मध्य रेल के समस्तीपुर रेलमंडल के डीआरएम अशोक माहेश्वरी कहते है कि रेलमंडल 15 जिलों के आसपास फैला हुआ है. इसमे खासकर उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा सबसे ज्यादा होता है. जब नेपाल की ओर से बाढ़ का पानी आने लगता है. इसे देखते हुए हमनें पूरी तैयारी कर ली है. मानसून के दौरान जिन सामानों की जरूरत पड़ती है उनमें से बोल्डर, स्टोन डस्ट, सीमेंट की बोरियां और साल बल्ला इन सभी का पर्याप्त मात्रा में इंतजाम कर लिए गया है. इसके अलावे हमारी मानसून पेट्रोलिंग टीम पूरे रेलखंड पर जांच करती रहती हैं. ताकि किसी भी तरह से रेल यातायात में बाधा ना आए.