
देश में यात्रा करने का सबसे आसान तरीक़ा और किफ़ायती माध्यम रेलवे है. पिछले कुछ सालों में रेल यात्रा में तेजी भी आई और इसका सफर आधुनिक भी हुआ है. ऐसे में रेलवे द्वारा लगातार अलग-अलग मुहिम चलाई जाती हैं. वहीं, देश में स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफ़ाई पर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है. अब रेलवे ने इससे करोड़ों का रेवन्यू भी कमाया है.
"स्वच्छ रेल" के साथ हुई शुरुआत
स्वच्छ भारत अभियान के तहत रेलवे भी काफ़ी कदम उठा रहा है. इसके अंतर्गत भारतीय रेल और मध्य रेलवे द्वारा जीरो स्क्रैप मिशन शुरू किया गया था. मध्य रेलवे का जीरो स्क्रैप मिशन स्क्रैप को कम करने और ऊर्जा बचाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. ज़ीरो-स्क्रैप मिशन कुछ प्रारंभिक पहल जैसे "स्वच्छ रेल" के साथ शुरू हुआ था.
जीरो-स्क्रैप मिशन शुरू करने वाला पहला देश है भारत
भारत का केंद्रीय रेलवे जीरो-स्क्रैप मिशन शुरू करने वाला पहला देश है. मध्य रेलवे भारत के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जहां पर बड़े स्तर पर जीरो स्क्रैप मिशन चलाया जा रहा है. मध्य रेलवे ने सभी स्टेशनों, अनुभागों, प्रतिष्ठानों, डिपो, कार्यशालाओं, शेडों, कार्यस्थलों को सभी रेलवे स्थानों मंडलों को कबाड़ मुक्त बनाने के लिए शून्य स्क्रैप मिशन को और आगे करने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखा है.
स्क्रैप की बिक्री से 250.49 करोड़ का रेवन्यू
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मध्य रेलवे ने स्क्रैप की बिक्री से 250.49 करोड़ का रेवन्यू कमाया है. मध्य रेलवे द्वारा उत्पन्न इस 250.49 करोड़ किसी भी वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर की अवधि के लिए स्क्रैप की बिक्री से उत्पन्न अब तक का सबसे अधिक रेवन्यू है.