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वर्ल्ड क्लास सुविधाएं-तेज रफ्तार फिर भी आधी से ज्यादा खाली वंदे भारत, ये है बड़ी वजह

रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए बदलते हुए भारत की तस्वीर लोगों के सामने रखने की कोशिश की. राजस्थान में भी एक के बाद एक तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई थी. हालांकि यहां के लोगों को वंदे भारत ट्रेन की यात्रा ज्यादा रास नहीं आ रही है.

Vande Bharat Train Vande Bharat Train
हिमांशु शर्मा
  • अलवर,
  • 09 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

वंदे भारत ट्रेन अपनी स्पीड और फैसिलिटीज के लिए खूब जाना जाता है. देशभर में इसकी खूब तारीफ भी हुई है, लेकिन राजस्थान में वंदे भारत ट्रेन की यात्रा लोगों को कुछ खास पसंद नहीं आ रही है. दरअसल, राजस्थान में चल रही डबल डेकर, शताब्दी और सुपरफास्ट ट्रेनों की ही स्पीड पर वंदे भारत भी दौड़ रही है. इन ट्रेनों की तुलना में वंदे भारत ट्रेनों का किराया भी 3 गुना ज्यादा है. यही वजह है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में यात्री डबल डेकर सुपरफास्ट, शताब्दी एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों में सफर करने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं.

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सिंतबर महीने में सिर्फ 41 प्रतिशत सीटों पर यात्रियों ने किया सफर

रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए बदलते हुए भारत की तस्वीर लोगों के सामने रखने की कोशिश की. देश के अलग-अलग राज्यों में वंदे भारत ट्रेन चलाकर केंद्र सरकार और रेलवे वाहवाही बटोरने में लगा है. राजस्थान में भी एक के बाद एक तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई. यहां के लोगों को वंदे भारत ट्रेन की यात्रा ज्यादा रास नहीं आ रही है. सबसे पहले रेलवे ने अजमेर से दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई थी. फिर जोधपुर से साबरमती और उदयपुर से जयपुर के बीच ट्रेन संचालित की गई. रेलवे के आंकड़ों पर नजर डालें तो जोधपुर से अहमदाबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सितंबर माह में महज 41 प्रतिशत सीटों पर यात्रियों ने सफर किया.

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राजस्थान में चलने वाले वंदे भारत ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के आंकड़ें

अहमदाबाद से जोधपुर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में 49.8 प्रतिशत, अजमेर से दिल्ली कैंट जाने वाली ट्रेन में 56.8 प्रतिशत यात्रियों ने सफर किया. दिल्ली कैंट से अजमेर जाने वाली ट्रेन में 76.7 प्रतिशत, अजमेर से दिल्ली कैंट में 56.80 प्रतिशत यात्रियों ने सफर किया. इसी तरह से 25 से 30 सितंबर के बीच जयपुर से उदयपुर जाने वाली ट्रेन में 87 प्रतिशत व उदयपुर से जयपुर जाने वाली ट्रेन में 43 प्रतिशत यात्रियों ने सफर किया. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का किराया डबल डेकर व शताब्दी ट्रेन की तुलना में ज्यादा है. जबकि सभी ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही है.

सभी ट्रेनें फूल लेकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है खाली

बता दें कि त्यौहारी सीजन होने के कारण उत्तर पश्चिम रेलवे से संचालित होने वाली सभी ट्रेन फूल है. ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिल रहे हैं. यात्री परेशान हो रहे हैं, फिर भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन खाली चल रही है. रेलवे की तरफ से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के संबंध में यात्रियों से फीडबैक लिया गया और सुझाव मांगे गए. इसमें किराया सबसे बड़ा मुद्दा रहा. उसके बाद भी रेलवे की तरफ से ट्रेन के किराए में कोई कटौती नहीं की गई. जयपुर से दिल्ली कैंट का स्लीपर क्लास में किराया 230 रुपए से 245 रुपए है. जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में 880 रुपए किराया लिया जा रहा है.

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यात्री डबल डेकर व शताब्दी ट्रेन को करते हैं ज्यादा पसंद

दिल्ली-जयपुर के बीच संचालित होने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में यात्री डबल डेकर व शताब्दी सुपरफास्ट ट्रेन को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.  तीनों ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही है. यात्रा में भी लगभग बराबर समय लग रहा है. जबकि किराए में खास अंतर है. डबल डेकर व शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का किराया दोगुना है. इसलिए यात्री डबल डेकर व शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

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