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पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन अब सिटी सेंटर के रूप में विकसित होने जा रहा है. 2025 तक गोरखपुर जंक्शन नए अवतार में दिख सकता है. यह जंक्शन कई मायने में हाईटेक होगा. वहीं, अब इसमें गोरखपुर का अक्स भी देखने को मिलेगा. यह प्रावधान पूर्वोत्तर रेलवे के छः अन्य स्टेशनों में भी होगा जिसमें मुख्य रुप से गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ और गोमती नगर रेलवे स्टेशन हैं. इस बाबत गोमती नगर में तो पुनर्विकास का कार्य शुरू भी हो चुका है.
गोरखपुर जंक्शन नए स्वरूप में तो दिखेगा ही, साथ ही गोरखपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अक्स इस विकसित सिटी सेंटर पर देखने को मिलेगा. अमूमन रेलवे स्टेशनों को शहर के बीच में बसाया जाता है इसलिए स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित करना है जो कि नगर के दोनों हिस्सों को आपस में जोड़ने का काम करेगा. साथ ही यात्रियों को कई और सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी.
इस नये प्रोजेक्ट पर क्या कहना है CPRO का?
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में गोरखपुर जंक्शन पर यात्रियों का बहुत ज्यादा भार है और आने वाले 50 सालों में यह भार और अधिक हो जाएगा. उसको ध्यान में रखकर गोरखपुर जंक्शन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. अभी सर्वे का काम पूरा हो गया है, जल्द ही डीपीआर बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
सिटी सेंटर में क्या-क्या मिलेंगी सुविधा?
गोरखपुर जंक्शन के सिटी सेंटर हो जाने से इस स्टेशन पर यात्री सुविधा बढ़ जाएगी जिसमें मुख्य रुप से रूफ प्लाजा होने के साथ ही फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह दी जाएगी. स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित हो जाने के बाद मेट्रो सेवा, सिटी बस और ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा सीधे जंक्शन से जुड़ जाएंगे.
धार्मिक व आध्यात्मिक पहचान भी दिखेगी
अंग्रेजों के जमाने का भवन होने के बावजूद गोरखपुर जंक्शन जो सिटी सेंटर के रूप में विकसित होगा उसमें धार्मिकता और आध्यात्मिकता की पहचान भी दिखेगी. गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों का भी अक्स देखने को मिल सकता है.
पूर्वोत्तर के इन छः स्टेशनों का होगा कायाकल्प
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के कुल 6 स्टेशन चिन्हित किए गए हैं जिसमें मुख्य रुप से गोमती नगर रेलवे स्टेशन का नाम शामिल है. यहां विकास का कार्य शुरू हो गया है. RLDA नामक संस्था उसके पुनर्विकास का कार्य कर रही है. इसके साथ लखनऊ, काठगोदाम, छपरा और गोंडा समेत गोरखपुर में स्टेशन का पुनर्विकास होना है. गोरखपुर जंक्शन के लिए डिजाइन तैयार हो चुका है. इसके सर्वे का काम पूरा हो चुका है. स्टेशन का फ्रंट लुक अच्छा हो ऐसा प्रयास है. गोरखपुर रेलवे स्टेशन की बात करें तो 75,000 की संख्या में रोजाना यात्री इस स्टेशन पर आते हैं इसलिए आने वाले 50 सालों में या संख्या कितनी और होगी उसी सुविधानुसार गोरखपुर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प होना है.
पूरी बिल्डिंग ग्रीन रहेगी
हमारी कोशिश है कि नवनिर्मित सिटी सेंटर पूरी तरीके से ग्रीन बिल्डिंग हो जिसमें सोलर पैनल लगाए जाएंगे जिससे इसकी इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत वहीं से पूरी हो जाए. साथ ही वर्षा जल संचयन की भी व्यवस्था की जाएगी और हरियाली सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन पैसेज बनाए जाएंगे. हमारी कोशिश है कि स्टेशन पूरी तरीके से इंटीग्रेटेड हो जिससे कि यात्रियों को रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद और कहीं भी जाने के लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत ना हो.
सिटी सेंटर में शॉपिंग काम्प्लेक्स, मॉल और होटल्स के साथ-साथ ओडीओपी की भी झलक दिखेगी. यहां पर स्थानीय विक्रेताओं को सही स्थान मिल सके इसके लिए भी जगह सुनिश्चित की जाएगी.