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Indian Railways: भारतीय रेल में यात्रियों की यात्रा को और सुविधाजनक बनाने के लिए टाटा स्टीलअत्याधुनिक ट्रेन वंदे भारत के लिए बेहतरीन सीटों से लेकर डिजाइन तक हर चीज को बड़ी ही प्लानिंग के साथ तैयार कर रहा है. इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान सुविधा मिलेगी. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, टाटा स्टील साल 2026 तक रिसर्च और डेवलेपमेंट पर 3,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है.
टाटा स्टील के उपाध्यक्ष देवाशीष भट्टाचार्य के अनुसार, कंपनी के कंपोजिट सेक्शन को वंदे भारत एक्सप्रेस की 22 ट्रेनों के लिए सीटें उपलब्ध कराने का ऑर्डर मिला है. इसके अलावा कंपनी 2030 तक वैश्विक इस्पात उद्योग में शीर्ष 5 प्रौद्योगिकी फर्मों में शामिल होने का भी लक्ष्य बना रही है. देवाशीष भट्टाचार्य ने PTI से बात करते वक्त बताया कि ये खास तौर पर डिजाइन की गई सीट हैं. ये 180 डिग्री तक घूम सकती हैं और इनमें विमानों की सीटों की तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. यह ट्रेन सीट की अपनी तरह की भारत में पहली सप्लाई है. सितंबर से इन सीटों की सप्लाई शुरू होगी और 12 महीनों में इसे पूरा किया जाएगा.
इन सीटों को फाइबर रिइंफोर्स्ड पॉलिमर (FRP)से बनाया गया है. इनके रखरखाव की लागत भी कम होगी. यह सुविधाजनक होने के साथ यात्रियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखेंगी. पूरी तरह से स्वदेश में विकसित वंदे भारत ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी. यह देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों में से एक है.
भट्टाचार्जी ने कहा कि टाटा स्टील नीदरलैंड के एक प्रौद्योगिकी भागीदार के सहयोग से महाराष्ट्र के खोपोली में एक ग्रीनफील्ड सुविधा स्थापित कर रही है. उन्होंने कहा, "यह सुविधा एल्यूमीनियम हनीकॉम्ब कोरेड सैंडविच पैनल का निर्माण करेगी, जिसका उपयोग मुख्य रूप से रेल और मेट्रो कोचों के अंदरूनी हिस्सों के लिए किया जाएगा. यूनिट के प्रमुख ग्राहक वैश्विक मेट्रो और रेल कोच ओईएम और भारतीय रेलवे भी होंगे."