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Senior Citizen Rail Concession: भारतीय रेलवे (Indian Railway) अभी किसी भी यात्री को रियायती टिकट नहीं देगा. इस बात की जानकारी केंद्रीय रेल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है. संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा है कि कोविड महामारी और प्रोटोकॉल के मद्देनजर, सीनियर सिटीजंस समेत अन्य यात्रियों को दी जाने वाली रियायत अभी बहाल नहीं की जाएगी.
कोरोना महामारी से पहले रेलवे सीनियर सिटीजंस को यात्रा पर कई तरह की रियायत देती थी. लेकिन कोविड-19 के दौरान जब पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया तो ट्रेनों का परिचालन भी बंद कर दिया गया. जब परिचालन फिर से शुरू हुआ तो सभी ट्रेनों को स्पशेल या फेस्टिवल स्पेशल के नाम से चलाया गया और सभी श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली रियायत वापस ले ली गई. इसके अलावा स्पेशल ट्रेन के नाम पर किराया भी बढ़ा दिया गया.
रियायत नहीं मिलने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खास कर सीनियर सिटीजंस यात्रियों को. रेल मंत्री ने कहा कि महामारी प्रोटोकॉल के कारण, चार श्रेणियों के दिव्यांगजनों और 11 श्रेणियों के रोगियों और छात्रों को छोड़कर सभी श्रेणियों के लिए रेलवे की रियायती टिकट सुविधा वापस ले ली गई है.
रेलवे के नियमों के अनुसार, अगर किसी महिला की उम्र 58 साल है और किसी पुरुष की उम्र कम से कम 60 साल है तो उन्हें वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में गिना जाता है. मार्च 2020 से पहले ऐसे लोगों को सीनियर सिटीजन कोटे का फायदा मिलता था और किराए पर महिला यात्रियों को 50% और पुरुष यात्रियों को 40% की छूट दी जाती थी.
बता दें रेलवे ने महामारी के दौरान सीनियर सिटीजंस, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, युवाओं, किसानों, दूधियों, सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, भारत सेवा दल, रिसर्च स्कॉलर्स, पदक विजेता शिक्षकों, सर्वोदय समाज, स्काउट-गाइड, वॉर विडो, आर्टिस्ट व खिलाड़ियों सहित 30 से ज्यादा कैटेगरी के लोगों को टिकटों पर मिलने वाली छूट बंद कर दी है.
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