Advertisement

अब तक 35... रूस-यूक्रेन जंग में भारतीयों की तस्करी कर रहा ये 'सिंडिकेट', CBI ने शुरू किया ताबड़तोड़ एक्शन

रूस-यूक्रेन की जंग में भारतीयों की मौत की खबरें आ रही हैं. अब तक देश के दो युवा जंग में अपनी जान गंवा चुके हैं. दोनों के परिवार का दावा है कि उन्हें धोखे से रूसी सेना में शामिल करा दिया गया और जंग के मैदान में उनकी जान चली गई.

रूस यूक्रेन जंग में जान गंवाने वाले अफसान (बाएं) और हेमिल अश्विन मंगूकिया (दाएं). रूस यूक्रेन जंग में जान गंवाने वाले अफसान (बाएं) और हेमिल अश्विन मंगूकिया (दाएं).
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST

मोटी सैलरी और चमचमाती लाइफस्टाइल वाली नौकरी... ये लालच देकर धोखे से भारतीयों को रूस-यूक्रेन की जानलेवा जंग में शामिल कराया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर मामलों में रूस पहुंचने से पहले लोगों को यह नहीं बताया जाता कि उन्हें रूस-यूक्रेन जंग में भेजा जाएगा. रूस पहुंचने के बाद उनसे एक कॉन्ट्रेक्ट साइन कराया जाता है, जो की रूसी भाषा में होता है. कॉन्ट्रेक्ट में लिखा होता है कि वह रूसी सेना के साथ हेल्पर के तौर पर काम करेंगे, जिनसके बदले उन्हें हर महीने 2 लाख रुपए मिलेंगे.

Advertisement

यह गिरोह पर अब CBI की नजर में आ गया है. इसलिए धरपकड़ के लिए 7 मार्च को जांच एजेंसी ने दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में 13 ठिकानों पर छापेमारी की. न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब तक ऐसे 35 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें सोशल मीडिया चैनलों, परिचितों और एजेंटों के माध्यम से मोटी सैलरी वाली नौकरियों के झूठे वादे कर युवाओं को रूस ले जाया गया.

अब तक दो भारतीयों की मौत

दरअसल, रूस-यूक्रेन जंग में अब तक दो भारतीयों की मौत की खबरें सामने आ चुकी हैं. इनमें से एक गुजरात के सूरत तो वहीं दूसरा तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला था. आइए पहले जान लेते हैं कि आखिर ये दोनों रूस की तरफ से जंग लड़ने के लिए पहुंचे कैसे और किन परिस्थितियों में इनकी मौत हो गई. 

Advertisement

रूसी सेना में बनाए गए थे हेल्पर

पहला केस सूरत के हेमिल अश्विन भाई मंगूकिया का है. इनकी जंग लड़ते हुए मौत हो गई थी. हेमिल रूस के लिए लड़ रहे थे. दावा है कि उनकी मौत यूक्रेन के एक मिसाइल अटैक में हुई. 23 साल के हेमिल रूस की सेना से बतौर 'हेल्पर' जुड़े थे. वहां उन्होंने 50 हजार रुपये महीने की सैलरी पर रखा गया था. हेमिल ने आखिरी बार 20 फरवरी को अपने परिवार से बात की थी.

सूरत के हेमिल अश्विन भाई मंगूकिया ने महज 23 साल की उम्र में जान गंवा दी. (File Photo)

सूरत से चेन्नई और फिर मॉस्को...

मंगूकिया के चचेरे भाई दर्शन ने दावा किया था कि रूस जाने के लिए हेमिल ने एक एजेंट को 3 लाख रुपये दिए थे. वहां उन्हें 50 हजार रुपये की सैलरी की जॉब मिली थी, लेकिन जब वो वहां पहुंचे तो उनकी कंपनी ने उनसे एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करवाया, जिसमें लिखा था कि उन्हें वॉरजोन में तैनात किया जाएगा और हर महीने 2 लाख रुपए सैलरी मिलेगी. मंगूकिया ने एक ऑनलाइन विज्ञापन के जरिए रूस में नौकरी के लिए आवेदन किया था. सूरत से चेन्नई पहुंचे हामिल को सीधे मॉस्को पहुंचा दिया गया था. 

इनके कॉन्टेक्ट में था अफसान

Advertisement

दूसरा केस हैदराबाद के मोहम्मद असफान का है. अफसान के भाई इमरान ने बताया था,'अफसान 9 नवंबर को 'बाबा व्लॉग' (यू ट्यूब चैनल) के जरिए रूस गया था. वह एजेंट रमेश, नाजिल, मोइन और खुशप्रीत के कॉन्टेक्ट में था. रमेश और नाजिल चेन्नई के रहने वाले हैं, जबकि खुशप्रीत पंजाब का है. मैंने कुछ दिनों पहले इनसे पूछा तो इन्होंने मुझे बताया कि अफसान को गोली लगी है, वह घायल है.'

रूस-यूक्रेन जंग में जान गंवाने वाले हैदराबाद के मोहम्मद अफसान. (File Photo)

इस तरह मिली मौत की खबर

अफसान के भाई इमरान ने आगे बताया,'भाई को गोली लगने की बात सुनकर मैं डर गया और मैंने सांसद असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया. मैं ओवैसी साहब से मिलने पहुंचा और वहां से ही इंडियन एंबेसी के इमरजेंसी नंबर पर फोन किया, ताकी उनकी बात करा सकूं. जब मेरा कॉल रिसीव हुआ तो मैंने उनसे अफसान से जुड़ा कोई अपडेट बताने के लिए कहा. फोन को एक मिनट तक होल्ड रखने के बाद एंबेसी के अधिकारी ने मुझसे कहा कि अफसान की मौत हो चुकी है. मुझे कुछ समझ नहीं आया कि आखिर ये क्या हुआ. मैंने ओवैसी साहब से बात कराई तो उन्हें भी यही बात बताई गई.'

7 लोगों ने जारी किया था Video

Advertisement

धोखाधड़ी कर भारतीयों को रूस भेजने के सिर्फ ये दो मामले ही नहीं हैं. ये दो मामले इसलिए चर्चा में आ गए, क्योंकि इन दोनों की ही मौत हो चुकी है. कुछ दिनों पहले ही एक वीडियो सामने आया था, जो रूस-यूक्रेन जंग में फंसे 7 भारतीयों ने जारी किया था. जिन 7 भारतीयों का वीडियो सामने आया है, उनमें से 5 पंजाब और 2 हरियाणा के बताए जा रहे हैं. वीडियो में सभी मिलिट्री डिजाइन वाली जैकेट और कैप पहने नजर आए. 6 लोग पीछे खड़े थे, जबकि एक वीडियो बना रहा था. ये सभी लोग नया साल मनाने रूस गए थे. वहां उन्हें एक एजेंट मिला था, जिसने उन्हें पहले तो रूस घुमाया-फिराया और फिर बेलारूस घुमाने की बात कही. बेलारूस में एजेंट ने उनसे और पैसे मांगे. पैसे नहीं दिए तो एजेंट सभी को बेलारूस हाइवे पर छोड़कर चला गया. यहां पुलिस ने उन्हें पकड़कर रूस की आर्मी को सौंप दिया.

रूसी आर्मी ने कॉनट्रैक्ट पर रखा

वीडियो जारी करने वालों ने दावा किया था कि रूस की आर्मी ने उनके सामने एक कॉन्ट्रैक्ट रखा. और कहा गया कि या तो कॉन्ट्रैक्ट साइन करो और आर्मी में हेल्पर की जॉब करो या फिर 10 साल की जेल होगी. उनके पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था, इसलिए उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट साइन कर दिया. उन्होंने बताया,'हमें थोड़ी-बहुत ट्रेनिंग दी गई और यूक्रेन भेज दिया. हमारे साथ और भी लोग थे, जिन्हें फ्रंटलाइन में डाल दिया गया. हमसे भी कहा गया. हमें ठीक से बंदूक भी पकड़नी नहीं आती और हमें फ्रंटलाइन में डाला जा रहा है.' बताया जा रहा है कि रूस में फंसे ज्यादातर भारतीय उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं.

Advertisement

सामने आया इस यूट्यूबर का नाम

दरअसल, जिस 'बाबा व्लॉग' के बारे में इमरान बात कर रहे हैं, वह एक यूट्यूबर है. जो यूट्यूब पर वीडियो बनाकर लोगों को यह बताता है कि लोग कैसे अलग-अलग देशों में जाकर काम कर सकते हैं और उसके बदले अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं. अब तक उसने अपने चैनल पर 148 वीडियो अपलोड किए हैं और उसके 3 लाख से ज्यादा सब्सक्राइर्स हैं. इस चैनल पर एक महीने पहले न्यूजीलैंड विजिट का एक वीडियो अपलोड किया गया है. 'बाबा व्लॉग' खुद के वीडियो का प्रचार-प्रसार करने के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी करता है. इस यूट्यूबर समेत कई फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

बाबा व्लॉग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब उर्फ बाबा.

विदेश मंत्रालय का क्या कहना है?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने 29 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि रूस में करीब 20 भारतीय नागरिकों ने भारत वापसी के लिए मदद मांगी है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया था कि युद्धग्रस्त इलाकों से भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए भारत और रूसी अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है. उन्होंने बताया था कि रूसी सेना की मदद कर रहे भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द 'डिस्चार्ज' करने को लेकर रूस के अधिकारियों से भी बात की है. उन्होंने लोगों से युद्धग्रस्त इलाकों में न जाने की अपील भी की.

Advertisement

(इनपुट: दिल्ली से मुनीष पांडे और हैदराबाद से अब्दुल बशीर)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement