
दो साल बीतने के बाद भी रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब तक जारी है. इन दो देशों के बीच 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई ये जंग कब थमेगी इसके बारे में किसी के पास भी कोई जानकारी नहीं है. ना तो रूस और ना ही यूक्रेन दोनों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. लेकिन, इस विध्वंसक जंग के बीच कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं. रूस की तरफ से नेपाल और भारत सहित दूसरे कई देशों के लोग भी जंग लड़ रहे हैं. कुछ पैसों के लालच में अपनी मर्जी से शामिल हो रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों को धोखे से बुलाकर जबरन युद्धक्षेत्र में भेजने की बात भी सामने आ रही है.
हैदराबाद के मोहम्मद असफान की रूस में मौत होने के बाद अब ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत में ऐसा कोई सिंडिकेट काम कर रहा है. जो भारतीयों को बहला-फुसलाकर रूसी सेना में भर्ती करा रहा है, जहां उन्हें युद्धक्षेत्र में यूक्रेन की सेना से लड़ने के लिए फ्रंट लाइन पर भेजा जा रहा है. यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि खुद रूस-यूक्रेन जंग में मारे गए हैदराबाद के मोहम्मद असफान के भाई इमरान ने किया है. हैदराबाद में रहने वाले इमरान पेशे से व्यावसायी हैं.
किन लोगों के संपर्क में था अफसान
इमरान ने अपने चौंकाने वाले दावे में बताया,'अफसान 9 नवंबर को 'बाबा व्लॉग' के जरिए रूस गया था. अफसान सहित रूस-यूक्रेन वॉर में हो रही भारतीयों की मौत के लिए एजेंट रमेश, नाजिल, मोइन और खुशप्रीत जिम्मेदार हैं.' चारों के बारे में बताते हुए इमरान ने कहा,'रमेश और नाजिल चेन्नई के रहने वाले हैं, जबकि खुशप्रीत मूल रूप से पंजाब का है और उसके पास रूसी पासपोर्ट है. असफान इन लोगों के ही संपर्क में था. असफान के जाने के बाद में इन लोगों के कॉन्टेक्ट में था. हाल ही में जब मैंने इनसे अफसान के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि अफसान को गोली लगी है, वह घायल है और काफी डरा हुआ है.'
अफसान के भाई ने मीडिया से क्या कहा? Video
मौत की बात सुनकर घबराया भाई
अफसान के भाई इमरान ने बताया,'भाई को गोली लगने की बात सुनकर मैं डर गया और मैंने सांसद असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया. मैं ओवैसी साहब से मिलने पहुंचा और वहां से ही इंडियन एंबेसी के इमरजेंसी नंबर पर फोन किया, ताकी उनकी बात करा सकूं. जब मेरा कॉल रिसीव हुआ तो मैंने उनसे अफसान से जुड़ा कोई अपडेट बताने के लिए कहा. फोन को एक मिनट तक होल्ड रखने के बाद एंबेसी के अधिकारी ने मुझसे कहा कि अफसान की मौत हो चुकी है. मुझे कुछ समझ नहीं आया कि आखिर ये क्या हुआ. मैंने ओवैसी साहब से बात कराई तो उन्हें भी यही बात बताई गई.'
अब भी सच्चाई छुपा रहे एजेंट!
इमरान ने आगे कहा,'अफसान की मौत की बात सुनकर में ओवैसी साहब के घर से निकलकर अपने घर पहुंचा. मैंने दोबारा एंबेसी को कॉल करके पूछा कि मेरे भाई की मौत कैसे हुई. एंबेसी ने बताया कि उनके पास रशियन आर्मी की तरफ से फोन आया था और इससे ज्यादा उनके पास कोई जानकारी नहीं है. इतनी बात होने के बाद मैंने एजेंट खुशप्रीत और रमेश को फोन किया. दोनों अब भी यही कह रहे हैं कि हो सकता है यह गलत न्यूज हो. दोनों यह भी दावा कर रहे हैं कि कुछ दिन बाद वे उस लोकेशन पर जाने वाले हैं, जहां पर अफसान को तैनात किया गया था.'
सामने आया इस यूट्यूबर का नाम
दरअसल, जिस 'बाबा व्लॉग' के बारे में इमरान बात कर रहे हैं, वह एक यूट्यूबर है. जो यूट्यूब पर वीडियो बनाकर लोगों को यह बताता है कि लोग कैसे अलग-अलग देशों में जाकर काम कर सकते हैं और उसके बदले अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं. अब तक उसने अपने चैनल पर 148 वीडियो अपलोड किए हैं और उसके 3 लाख से ज्यादा सब्सक्राइर्स हैं. इस चैनल पर एक महीने पहले न्यूजीलैंड विजिट का एक वीडियो अपलोड किया गया है. 'बाबा व्लॉग' खुद के वीडियो का प्रचार-प्रसार करने के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी करता है.
वेबसाइट पर दुबई दफ्तर का एड्रेस
'बाबा व्लॉग' ने इस नाम से ही अपनी एक वेबसाइट भी बना रखी है, जिसमें दुबई के ऑफिस का एड्रेस डला हुआ है. इसमें बाबा सूफियान और पूजा का मोबाइल नबंर दिया गया है, जिसमें कॉल करके लोग नौकरी से संबंधित जानकारी ले सकते हैं. इस वेबसाइट में लेटेस्ट जॉब का एक सेक्शन भी है. हालांकि, ऐसा लगता है कि इस सेक्शन को पिछले 2 साल से अपडेट नहीं किया गया है. रूस-यूक्रेन जंग में मरने वाले अफसान के भाई के आरोपों के बाद अब बाबा व्लॉग की भूमिका इस मामले में संदिग्ध हो गई है.
(इनपुट: हैदराबाद से अब्दुल बशीर)