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'सीमा पार करते ही अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल ने पकड़ा, पैरों में बेड़ियां पहनाईं...', US से डिपोर्ट हुए शख्स की आपबीती

एयरपोर्ट पर विभिन्न सरकारी एजेंसियों, पंजाब पुलिस और खुफिया विभाग ने निर्वासित भारतीयों से पूछताछ की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है. शाम 6:45 बजे के करीब पंजाब के रहने वाले लोगों को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस वाहनों में उनके घर भेज दिया गया.

अमेरिका ने बिना दस्तावेजों के रहने वाले भारतीयों को वापस भेज दिया है अमेरिका ने बिना दस्तावेजों के रहने वाले भारतीयों को वापस भेज दिया है
aajtak.in
  • अमृतसर,
  • 06 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:10 AM IST

अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 भारतीयों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. सूत्रों के अनुसार इन 104 लोगों में हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से 3-3 और चंडीगढ़ से 2 लोग शामिल हैं. इनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग भी हैं, जिनमें 3 नाबालिग शमिल हैं. 

बता दें कि अमेरिकी वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान बुधवार दोपहर 1:55 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. ये निर्वासन ऐसे समय हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं. 

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एयरपोर्ट पर विभिन्न सरकारी एजेंसियों, पंजाब पुलिस और खुफिया विभाग ने निर्वासित भारतीयों से पूछताछ की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है. शाम 6:45 बजे के करीब पंजाब के रहने वाले लोगों को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस वाहनों में उनके घर भेज दिया गया. इसी तरह हरियाणा के लोगों को राज्य पुलिस ने उनके निवास स्थान पहुंचाया. एयरपोर्ट के बाहर भारी बैरिकेडिंग की गई थी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स में पहले दावा किया गया था कि अमेरिकी सैन्य विमान में 205 लोग सवार थे, लेकिन वास्तविक संख्या 104 पाई गई.

एजेंट से 30 लाख में अमेरिका जाने का सौदा किया

पंजाब के गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के 36 वर्षीय जसपाल सिंह ने बताया कि उन्हें अमेरिका-मैक्सिको सीमा पार करते ही अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल ने पकड़ लिया था. उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते थे कि हमें कहां ले जाया जा रहा है. हमें लगा कि हमें किसी और कैंप में ले जाया जा रहा है, लेकिन फिर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमें भारत भेजा जा रहा है. हमें हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां पहनाई गई थीं, जो अमृतसर एयरपोर्ट पर ही खोली गईं. जसपाल ने बताया कि उसने एक ट्रैवल एजेंट से 30 लाख रुपए में अमेरिका पहुंचाने का सौदा किया था, उसने एजेंट से कहा था कि उसे वैध वीजा पर भेजा जाए, लेकिन एजेंट ने उसे धोखा दिया.

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परिवारों पर कर्ज का बोझ, एजेंटों पर हो सख्त कार्रवाई 

पंजाब के कई परिवारों ने बताया कि उन्होंने अपने परिजनों को अमेरिका भेजने के लिए भारी कर्ज लिया था, अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस कर्ज को कैसे चुकाया जाए. परिजनों ने मांग की है कि सरकार उन ट्रैवल एजेंटों पर कड़ी कार्रवाई करे, जिन्होंने अवैध रूप से लोगों को अमेरिका भेजा.

इस मसले पर ट्रंप से बातचीत करें पीएम मोदी

पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे पर अपने "मित्र" ट्रंप से बात करें. उन्होंने कहा कि मोदी जी हमेशा कहते थे कि ट्रंप मेरे मित्र हैं, उन्होंने 2019 के अमेरिकी चुनाव में ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार भी किया था. अब यही ट्रंप हमारे लोगों को निकाल रहे हैं. पीएम मोदी को इस मसले पर ट्रंप से बात करनी चाहिए.

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