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बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ चिंता का विषय, इसे रोकने के लिए हमने रात्रि कर्फ्यू लगाया: CM बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश में अशांति के मद्देनजर पड़ोसी मुल्क से होने वाली घुसपैठ चिंता का विषय है और उनकी सरकार ने इसे रोकने के लिए कुछ जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाया है.

CM बीरेन सिंह- फाइल फोटो CM बीरेन सिंह- फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:32 AM IST

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश में अशांति के मद्देनजर पड़ोसी मुल्क से होने वाली घुसपैठ चिंता का विषय है और उनकी सरकार ने इसे रोकने के लिए कुछ जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाया है. सिंह ने कहा, 'मैं विदेश मंत्रालय के संपर्क में हूं. जहां तक ​​हमारी सुरक्षा का सवाल है, हमने घुसपैठ को रोकने के लिए फेरजावल और जिरीबाम जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है.'

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बांग्लादेश में सोमवार को हसीना सरकार के पतन के बाद भड़की देशव्यापी हिंसा में 230 से अधिक लोगों की मौत हो गयी. वहीं जुलाई के मध्य में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद से 560 लोगों ने अपनी जान गंवाई.

मुख्यमंत्री, केंद्र की 'हर घर तिरंगा' पहल के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे. सिंह ने कहा, 'मैं सभी विधायकों से स्वतंत्रता दिवस पर मणिपुर के विभिन्न राहत शिविरों में दोपहर का भोजन आयोजित करने और वहां रह रहे लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं और शिकायतों का समाधान करने की अपील करता हूं.'

उन्होंने कहा, 'हर घर तिरंगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पहल है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रवाद और अपनेपन की भावना पैदा करना है. हम मोटरसाइकिल पर रैलियां निकालेंगे और हर घर में तिरंगा फहराया जाएगा.' 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लोगों को अपने घरों और अन्य प्रतिष्ठानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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उधर, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को हिंसा प्रभावित देश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा की और इसे 'जघन्य' बताया. उन्होंने युवाओं से सभी हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों की रक्षा करने का आग्रह किया.

बांग्लादेश के दो हिंदू संगठनों, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद, के अनुसार, 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है. हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू भारत में भागकर आने की कोशिश कर रहे हैं.

'अपने प्रयासों को बर्बाद न होने दें'
ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे रहने वाले छात्रों से कहा कि वे अपने प्रयासों को बर्बाद न होने दें. रंगपुर शहर में बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'आपके प्रयासों को बर्बाद करने के लिए कई लोग खड़े हैं. इस बार असफल न हों.'

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