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इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने दिल्ली को क्यों बताया अनुशासनहीन शहर?

इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा कि मैं वास्तव में दिल्ली आने में बहुत असहज महसूस करता हूं, यह एक ऐसा शहर है जहां अनुशासनहीनता सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को इन चीजों को सिखाना चाहिए, सही रास्ते पर चलने की आदत डालने के लिए उनका मार्गदर्शन करना चाहिए.

 एन आर नारायण मूर्ति (फाइल फोटो) एन आर नारायण मूर्ति (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:50 AM IST

देश की राजधानी में यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि वह दिल्ली आने में असहज महसूस करते हैं. क्योंकि यह एक ऐसा शहर है जहां अनुशासनहीनता सबसे ज्यादा है. 

ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहा कि मैं वास्तव में दिल्ली आने में बहुत असहज महसूस करता हूं, यह एक ऐसा शहर है जहां अनुशासनहीनता सबसे ज्यादा है. मैं आपको एक उदाहरण देता हूं. मैं कल एयरपोर्ट से आया था. ट्रैफिक सिग्नल रेड था, लेकिन इस दौरान कारें, बाइक और स्कूटर चालक बिना किसी परवाह किए रेड लाइट जंप कर रहे थे. वह नियमों का उल्लंघन कर रहे थे.

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एजेंसी के मुताबिक नारायण मूर्ति ने कहा कि क्या हम एक या दो मिनट भी इंतजार नहीं कर सकते हैं. क्या आपको लगता है कि पैसा होने पर वे लोग इंतजार करेंगे? बेशक वे इंतजार नहीं करेंगे. इंफोसिस के संस्थापक ने कहा कि हमें अपने बच्चों को इन चीजों को सिखाना चाहिए, सही रास्ते पर चलने की आदत डालने के लिए उनका मार्गदर्शन करना चाहिए. 

इंफोसिस के फाउंडर ने कहा कि उन्होंने कॉरपोरेट गवर्नेंस का पहला पाठ अपने शिक्षक से सीखा. मूर्ति ने कहा कि आपको सामुदायिक संपत्ति को अपनी निजी संपत्ति से बेहतर मानना चाहिए. सार्वजनिक प्रशासन प्रणाली में बेईमानी के मामले इसलिए आते हैं क्योंकि लोग सिद्धांतों का पालन नहीं करते हैं.

नारायण मूर्ति ने कहा कि अगर आप एक अच्छे व्यक्ति हैं, तो इसका मतलब यह है कि भले ही कोई चोरी कर रहा हो, आप शांत रहें और मुस्कुराएं. मैं खड़ा हो जाऊंगा और सम्मानपूर्वक टिप्पणी करें. अगर यह उचित नहीं है. मैं एक निष्पक्ष व्यक्ति के रूप में जाना जाना चाहता हूं. 

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Chat GPT जैसे उपकरणों के फ्यूचर के बारे में बात करते हुए नाराय मूर्ति ने कहा कि विज्ञान के जरिए प्रकृति को व्यक्त किया जा सकता है. जबकि प्रौद्योगिकी मनुष्य के जीवन को अधिक आरामदायक बनाने, उत्पादकता में सुधार करने, लागत कम करने, समस्याओं को हल करने के लिए है.

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