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कितनी अनुशासनहीन है दिल्ली? हर रोज 21 हजार चालान, जानें मुंबई-बेंगलुरु के आगे कहां टिकती है राजधानी

इन्फोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि दिल्ली बहुत अनुशासनहीन है, यहां लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट बताती है यहां हर हर रोज 21 हजार से ज्यादा या तो चालान काटती है या फिर नोटिस भेजती है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन जानलेवा भी होता है, क्योंकि इस कारण हर दिन कई लोगों की मौत होती है.

दिल्ली में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर हर दिन 21 हजार से ज्यादा चालान कटते हैं. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे आर्काइव) दिल्ली में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर हर दिन 21 हजार से ज्यादा चालान कटते हैं. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे आर्काइव)
Priyank Dwivedi
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

इन्फोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने दिल्ली को सबसे 'अनुशासनहीन शहर' बताया है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि वो दिल्ली आने में असहज महसूस करते हैं, क्योंकि ये ऐसा शहर है जहां सबसे ज्यादा अनुशासनहीनता है. 

नारायण मूर्ति ने कहा, 'मैं आपको एक उदाहरण देता हूं. मैं कल एयरपोर्ट आया था. ट्रैफिक सिग्नल रेड था, लेकिन इस दौरान कारें, बाइक और स्कूटर चालक बिना किसी परवाह किए रेड लाइट जंप कर रहे थे. नियमों का उल्लंघन कर रहे थे.' 

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उन्होंने कहा, 'क्या हम एक या दो मिनट भी इंतजार नहीं कर सकते?' नारायण मूर्ति ने कहा कि हमें अपने बच्चों को इन चीजों को सिखाना चाहिए. सही रास्ते पर चलने की आदत डालने के लिए उनका मार्गदर्शन करना चाहिए.

आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट बताती है कि 2021 में देश के 53 बड़े शहरों में 55,442 सड़क हादसे हुए थे. इनमें से 5,034 हादसे चेन्नई और 4,505 हादसे दिल्ली में हुए थे.

हालांकि, सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें दिल्ली में होती है. यहां चेन्नई दूसरे नंबर पर है. दिल्ली में 2021 में सड़क हादसों में 1,239 लोगों की मौत हुई थी. चेन्नई में 998 लोगों की जान गई थी. 

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वहीं, देशभर में सड़क हादसों में 1.55 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी. यानी हर दिन औसतन 426 से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे गए. ट्रैफिक नियमों का पालन करके इन मौतों को टाला जा सकता था.

ट्रैफिक नियमों के पालन में दिल्ली कहां?

कानूनन, कार में सवार हर व्यक्ति को सीट बेल्ट पहनना जरूरी है. बगैर सीट बेल्ट लगाए कार चलाना गैरकानूनी है. इसी तरह टू-व्हीलर चलाते समय हेलमेट पहनना जरूरी है. 

शराब पीकर गाड़ी चलाना, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना, ओवरस्पीडिंग करना, खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाना, ये सब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है, लेकिन इनका पालन बहुत कम ही लोग करते हैं.

दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में राजधानी में टू-व्हीलर चला रहे 91 हजार से ज्यादा लोगों का चालान काटा गया था, क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था. इनके अलावा 16,724 लोग ऐसे थे जो टू-व्हीलर में पिछली सीट पर सवार थे और हेलमेट नहीं पहना था.

जबकि, 49 हजार 652 लोगों का कार चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाने पर चालाना काटा गया था. 2 हजार 831 लोग ऐसे थे जिन्हें शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया था.

इनके अलावा 48 हजार 759 लोगों का गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल करने पर चालाना कटा था. वहीं, 35 लाख से ज्यादा लोगों को ओवरस्पीडिंग करने पर नोटिस जारी किया गया था. जबकि 16 हजार 480 लोगों का गलत लेन में या रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने पर चालान काटा गया था.

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इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में दिल्ली पुलिस ने 13.23 लाख से ज्यादा ऑन स्पॉट चालान काटे थे, जिससे 9.79 करोड़ रुपये का फाइन वसूला था. वहीं, 65.69 लाख से ज्यादा नोटिस जारी किए थे और इससे 71.82 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया था. यानी पुलिस ने हर दिन औसतन 21 हजार 600 से ज्यादा चालान काटे या नोटिस भेजे.

महाराष्ट्र पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में 2.31 करोड़ चालान काटे गए थे. इससे पुलिस ने करीब 780 करोड़ रुपये का फाइन वसूल किया था.

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघनः सड़क हादसे और मौतें

मुंबई-बेंगलुरु के आगे कहां ठहरता है दिल्ली?

शहर हादसे मौतें
चेन्नई 5034 998
दिल्ली 4720 1239
इंदौर 3676 484
बेंगलुरु 3213 654
हैदराबाद 2273 323
मुंबई 2230 387
कोलकाता 1717 233
अहमदाबाद 1433 403
लखनऊ 790 261
पटना 384 146

नोटः नशे में गाड़ी चलाना, ओवरस्पीडिंग, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना, ड्राइव करते समय फोन यूज करना, रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाने जैसे उल्लंघन शामिल हैं.

सोर्सः केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय

दिल्ली में कितनी बड़ी है ट्रैफिक की समस्या?

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) के आंकड़े बताते हैं कि देश के 7.5% परिवारों के पास अपनी कार है. 2018 में ये आंकड़ा 6% का था. ऐसे ही 49.7% परिवारों के पास दोपहिया वाहन हैं. 2018 में ये 37.7% था. वहीं 50.4% परिवारों के पास साइकिल है, जबकि 2018 में ये आंकड़ा 52.1% का था. ये आंकड़े बताते हैं कि सड़क पर कार और बाइक वालों की संख्या बढ़ रही है, जबकि साइकल वालों की संख्या घट रही है.

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ये तो बात हुई देश की लेकिन, राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो यहां हर 100 में से 20 परिवारों के पास अपनी कार है. यानी देश के औसत से करीब तीन गुना ज्यादा. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 19.4% परिवारों में कार है. जैसे-जैसे कारों की समस्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे ट्रैफिक की समस्या भी बढ़ रही है.

दिल्ली सरकार के 2021-22 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, राजधानी की सड़कों पर 2019-20 तक 1.18 करोड़ से ज्यादा गाड़ियां थीं. ये संख्या 2018-19 की तुलना में साढ़े 4 फीसदी ज्यादा है. 2018-19 तक दिल्ली की सड़कों पर 1.13 करोड़ गाड़ियां थीं. 

राजधानी दिल्ली हर एक हजार लोगों पर भी गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दिल्ली में 2016-17 में हर एक हजार आबादी पर 556 गाड़ियां थीं. 2019-20 में ये आंकड़ा बढ़कर 643 गाड़ियों का हो गया. यानी चार साल में ही एक हजार आबादी पर 87 गाड़ियां बढ़ गईं.

नीदरलैंड की कंपनी TomTom हर साल ट्रैफिक कंजेशन को लेकर इंडेक्स जारी करती है. इसके मुताबिक, दिल्ली दुनिया का 34वां सबसे कंजेस्टेड शहर है. यहां लोग हर साल 196 घंटे सिर्फ ट्रैवलिंग में ही बिता देते हैं. ये समय कम होता, क्योंकि 85 घंटे तो सिर्फ कंजेशन की वजह से ही बढ़ जाते हैं.

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आखिर में बात नियमों के उल्लंघन पर कितनी सजा?

- बगैर लाइसेंसः अगर आपके पास लाइसेंस नहीं है और गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो 5 हजार रुपये का चालान कट सकता है. पहले 500 रुपये का चालान कटता था.

- ओवर स्पीडिंगः अगर लाइट मोटर व्हीकल है तो ओवरस्पीडिंग पर 2 हजार रुपये तक का चालान लगता है. वहीं, माल ढोने वाली या मीडियम पैसेंजर गाड़ी है तो 4 हजार रुपये तक का चालान लग सकता है.

- शराब पीकर गाड़ी चलानाः ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर 6 महीने तक की कैद और 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार ऐसा करने पर 2 साल तक की कैद और 15 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है.

- रेस करनाः अगर सड़क पर रेस लगाते हुए जा रहे हैं तो पहली बार पकड़े जाने पर 3 महीने की कैद और 2 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर कैद तो 3 महीने तक की ही होगी, लेकिन जुर्मान 4 हजार रुपये वसूला जाएगा.

- बगैर इंश्योरेंस के गाड़ी चलानाः गाड़ी को बिना इंश्योरेंस के चलाने पर 3 महीने तक की कैद और 2 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर 3 महीने की कैद के साथ 4 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा.

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- खतरनाक ड्राइविंगः अगर कोई भी व्यक्ति खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाता है, तो उसे 6 महीने से 1 साल तक की कैद और 5 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार ऐसा करने पर 2 साल तक की कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना लिया जा सकता है.

 

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