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Land For Job Scam: चार्जशीट पर 22 अगस्त से बहस, लालू परिवार समेत अन्य के खिलाफ है मामला

CBI ने चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव, राबडी देवी, मीसा भारती समेत कई रेलवे के अधिकारी और जमीन के बदले नौकरी पाने वाले लाभार्थी आरोपियों को आरोपी बनाया है. इस घोटाले के मुख्य मामले में लालू प्रसाद यादव, मीसा भारती, राबड़ी देवी समेत कई आरोपी फिलहाल ज़मानत पर हैं.

लालू यादव, राबड़ी देवी- फाइल फोटो लालू यादव, राबड़ी देवी- फाइल फोटो
संजय शर्मा/सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

IRCTC में जमीन के बदले रेलवे में सरकारी नौकरी देने के घोटाले में राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, समेत अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में 22 अगस्त से बहस शुरू होगी. राउज एवेन्यू कोर्ट में CBI के वकील ने दलील देते हुए सफाई दी कि इस गंभीर मामले से जुड़े हुए दो अहम गवाहों से सम्बंधित ज्यादा जानकारी कोर्ट को नहीं दी गई है. क्योंकि अगर सुनवाई के इस स्टेज पर उन गवाहों के नाम सामने आ जाएंगे तो उनकी जान को खतरा हो सकता है. 

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वहीं मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस प्रकरण से जुड़े कुछ दस्तेवेज़ों के मिलान के लिए लालू प्रसाद यादव समेत अन्य आरोपियों के वकील को CBI के वकील से मुलाक़ात कर मिलान करने इजाज़त दी.

CBI ने चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव, राबडी देवी, मीसा भारती समेत कई रेलवे के अधिकारी और जमीन के बदले नौकरी पाने वाले लाभार्थी आरोपियों को आरोपी बनाया है. इस घोटाले के मुख्य मामले में लालू प्रसाद यादव, मीसा भारती, राबड़ी देवी समेत कई आरोपी फिलहाल ज़मानत पर हैं. सीबीआई ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी इस घोटाले में सह आरोपी बनाया है.

गौरतलब है कि हाल ही में ईडी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू यादव के परिवार से जुड़ी 6 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. लालू परिवार की संपत्ति ईडी की तरफ से अटैच किए जाने के बाद आरजेडी की प्रतिक्रिया भी सामने आई. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव के मुताबिक, ईडी निदेशक एक्सटेंशन पाएंगे तो क्या होगा. संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कैसे बचेगी. विपक्षी दलों के नेताओं को तबाह करने की प्रतिबद्धता है.

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क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला ? 
बिहार में ये घोटाला 14 साल पहले का है. समीकरण कुछ ऐसे थे कि केंद्र में यूपीए की सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे. इस मामले में 18 मई 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब जमीन का सौदा हो गया तो इन्हें रेगुलर कर दिया गया. 

सीबीआई की जांच में ये भी सामने आया कि रेलवे में सब्सटीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस भी जारी नहीं किया गया था, लेकिन जिन परिवारों ने लालू परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त कर दिया गया था.

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