
दिल्ली में 29 जनवरी को इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके के बाद घटनास्थल से मिले लिफाफे की चिट्ठी ने हमले के पीछे ईरान कनेक्शन का संकेत दिया है. मौके से बरामद चिट्ठी में धमाके को ट्रेलर बताया गया है.
आजतक के पास ये चिट्ठी मौजूद है. इस चिट्ठी में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी और न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फकीरजादेह के शहीद होने का उल्लेख किया गया है. दोनों की पिछले साल हत्या कर दी गई थी.
इजरायल के राजदूत डॉक्टर रॉन मलका को संबोधित इस चिट्ठी में लिखा गया है कि ये आपके लिए प्रस्तुत किया गया एक ट्रेलर है. आप स्कैनर की लाल आंखों में हैं और आप हमारे रास्ते को रोक नहीं सकते. चाहे आप कितनी भी मुश्किल खड़ी कर लें. हम कहीं भी कभी भी आपका खात्मा कर सकते हैं, लेकिन हम आपके टेरर शेल्टर का अंत चाहते हैं. हम ये नहीं चाहते हैं कि खून किसी निर्दोष का बहे.
दिलचस्प बात ये है कि पत्र में वर्तनी की गलतियां भी हैं, जैसे कि destroy को ‘distroy’, revenge को ‘revienge’, Israeli को ‘Israelian’, existence को ‘existance’, and heroes को ‘heroe’s’ लिखा गया है.
बता दें कि जनरल कासिम सुलेमानी की 3 जनवरी 2020 को इराक में बगदाद एयरपोर्ट के पास ड्रोन हमले में हत्या कर दी गई थी. पत्र में ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फकीरजादेह का भी नाम है. जिनकी हत्या में सैटेलाइट नियंत्रित स्मार्ट सिस्टम मशीनगन का इस्तेमाल किया गया था. चिट्ठी में इन दोनों की हत्या का बदला लेने की बाद कही गई है.