
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 'भारत में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करने के तहत तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स लगाने को मंजूरी प्रदान की. अगले 100 दिन के भीतर तीनों यूनिट्स का निर्माण शुरू हो जाएगा. कैबिनेट फैसले के बाद केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने दफ्तर में मीडिया से बात की और एक व्हाइटबोर्ड पर भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के बारे में विस्तार से बताया.
तीन कंपनियां बना रही हैं ईडीए
वैष्णव ने व्हाइटबोर्ड पर चार्ट बनाकर देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकसित करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी थी. उन्होंने कहा, "प्रक्रिया में चार मुख्य घटक हैं, डिज़ाइन फैब्रिकेशन (एफएबी), असेंबली-टेस्टिंग-मार्किंग-पैकेजिंग (एटीएमपी), और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण या सर्किट." उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर बनाने के लिए सबसे अहम और महंगे उपकरण ईडीए उपकरण हैं, जिसे तीन कंपनियों, कैडेंस, सिनोप्सिस और सीमेंस द्वारा बनाया जा रहा है.
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यूनिवर्सिटीज को दिए जाएंगे टूल
उन्होंने कहा कि हमने (सरकार) इन कंपनियों से बात की है और उनसे संपूर्ण ईडीए टूल सूट लिया है और इसे देश के 104 विश्वविद्यालयों (Universities) को प्रदान किया है. उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय अब अपने छात्रों को क्लास रूम में इन नए लाइव टूल से परिचित करा सकेंगे और इससे देश में स्टार्टअप्स को बढ़ने में मदद मिलेगी. उसी में से नया टैलेंट निकलेगा और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
रोजगार की संभावना
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सेमीकंडक्टर की ये यूनिट्स 20 हजार उन्नत प्रौद्योगिकी कार्यों में प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करेंगी. ये यूनिट्स डाउनस्ट्रीम ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार विनिर्माण, औद्योगिक विनिर्माण और अन्य सेमीकंडक्टर उपभोक्ता उद्योगों में रोजगार सृजन में तेजी लाएंगी.
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