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जबलपुर अस्पताल हादसा: अनफिट थी बिल्डिंग, स्वास्थ्य विभाग ने संचालन की दे दी स्वीकृति

सोमवार को इस हॉस्पिटल में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई है. जबकि कुछ घायलों की हालत गंभीर है. घटना के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन से लेकर मानक तक पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य भी मानक के अनुसार नहीं कराया गया था. जब आग लगी तो बाहर निकलने का सिर्फ एक ही गेट था.

अस्पताल में एक ही गेट होने से अंदर आग बुझाने में भी खासी मशक्कत हुई. अस्पताल में एक ही गेट होने से अंदर आग बुझाने में भी खासी मशक्कत हुई.
हेमेंद्र शर्मा
  • जबलपुर,
  • 02 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:49 AM IST
  • गलती पर गलती करता गया स्वास्थ्य विभाग
  • अग्निकांड में 10 लोगों की हुई मौत, कई झुलसे

मध्य प्रदेश के जबलपुर में सोमवार को न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल भीषण अग्निकांड के बाद सवालों के घेरे में आ गया है. अब नई जानकारी सामने आई है कि अनफिट होने के बावजूद इस हॉस्पिटल को संचालित करने की अनुमति दे दी गई थी. संचालक ने बिल्डिंग को लेकर भी 'खेल' कर दिया था. यानी बिल्डिंग कंपलीशन प्रमाण पत्र की जगह एक प्राइवेट लेआउट लगाकर संचालन की स्वीकृति ले ली थी. 

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बता दें कि सोमवार को इस हॉस्पिटल में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई है. जबकि कुछ घायलों की हालत गंभीर है. घटना के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन से लेकर मानक तक पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य भी मानक के अनुसार नहीं कराया गया था. यही वजह है कि जब आग लगी तो बाहर (Exit) निकलने के लिए सिर्फ एक ही गेट था. ऐसे में भदगड़ की स्थिति बनी और कई लोग अंदर ही फंस गए. जांच में अस्पताल को लेकर और भी कई बड़ी चौंकाने वाली बातें सामने आईं हैं...

बिल्डिंग का स्वीकृत लेआउट देखे बिना पंजीयन कर दिया

जानकारी के मुताबिक, संचालक ने अस्पताल का लाइसेंस पाने के लिए जो आवेदन जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के समक्ष पेश किया था, उसमें नियमानुसार बिल्डिंग कंपलीशन प्रमाण पत्र के स्थान पर एक प्राइवेट लेआउट लगाया गया. इससे साफ स्पष्ट है कि इस बिल्डिंग में अंदर जाने और बाहर आने का सिर्फ एक ही मार्ग उपलब्ध था. उसके बावजूद सीएमएचओ और तत्कालीन जांच टीम ने अस्पताल नियमानुसार निर्मित होना बताकर पंजीयन जारी कर दिया. जबकि जांच टीम को बिल्डिंग का स्वीकृत लेआउट देखना जरूरी था. 

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फायर ब्रिगेड पहुंचने के लिए भी जगह नहीं थी

इतना ही नहीं, नियमानुसार बिल्डिंग में आगजनी की स्थिति में दमकल वाहन के आने-जाने के लिए निर्धारित 3.6 मीटर साइड स्पेस होना जरूरी होता है. मगर, बिल्डिंग में इस नियम का भी पालन नहीं किया गया. यानी अनफिट होने के बावजूद अस्पताल/नर्सिंग होम का पंजीयन दिया गया है, जो मप्र उपचर्यागृह और रूजोपचार नियम 1997, मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012 और नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 भाग-3, भाग- 4 के विपरीत है.

बिल्डिंग अनफिट थी, स्वास्थ्य विभाग 'ओके' रिपोर्ट देता रहा

हैरानी की बात यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग लगातार गलती पर पर्दा डालता रहा. यही वजह कि अगस्त 2021 में शासन ने समस्त अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए 6 सदस्य कमेटी गठित की है. इस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस हॉस्पिटल को सभी नियमों का पालन करना बताया. बिल्डिंग पूर्णता प्रमाण पत्र रिकार्ड में ना होने के बावजूद कॉलम में 'yes' लिखकर खानापूर्ति कर दी गई है.


 

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