
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU'S IAS स्टडी सेंटर के बेसमेंट में डूबने से तीन यूपीएससी छात्रों की मौत का मुद्दा सोमवार को संसद के दोनों सदनों में उठा. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने देश की राजधानी में हुए इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अत्यधिक चिंता व्यक्त की. सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कोचिंग सेंटरों के व्यावसायीकरण की आलोचना करते हुए अखबारों में उनके लगातार विज्ञापनों पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, 'हम हर रोज देखते हैं अखबारों में... पहले, दूसरे, तीसरे पेज पर कोचिंग संस्थानों के प्रचार होते हैं. इतना भारी खर्चा कहां से आता है? ये उस छात्र से आता है जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है. मैं सदन के सदस्यों से आग्रह करूंगा इस मुद्दे पर सुझाव दीजिए. कोचिंग का दायरा बहुत सीमित है. इस भारत को SKILL की आवश्यकता है. कोचिंग सभी को एक सीमित दायरे में बांध रहे हैं, ये एक साइलो (मीनारनुमा स्ट्रक्चर) हो गया है, जो गैस चेम्बर से कम नही है, ये घटना दुखद है.'
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस दुखद घटना पर सदन में अल्पकालिक चर्चा के लिए सहमति दी और सभी दलों के नेताओं से मिलकर इस बारे में बात करने की कसम खाई. भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा- जिन पर इस हादसे की जिम्मेदारी होनी चाहिए थी, उनकी आंखों में एक आंसू तो छोड़िए, माथे पर शिकन भी नजर नहीं आई. ये पूरी तरीके से लापरवाही के साथ भ्रम फैलाते नजर आए.
उन्होंने कहा, 'छात्रों द्वारा कई शिकायतें की गईं. एक छात्र ने 26 जून को ही शिकायत की थी कि RAU'S IAS के बेसमेंट में बिना अनुमति और एनओसी के छात्रों की क्लास चल रही है. 9 जुलाई को इसी बिल्डिंग को फायर डिपार्टमेंट ने स्टोरेज के लिए एनओसी दे दिया. क्या निरीक्षण किए बिना ही एनओसी दे दी गई. जानबूझकर बच्चों के जान को खतरे में डाला गया है. ये आपराधिक कृत्य है. इतनी बड़ी घटना हो गई पर दिल्ली के मुख्यमंत्री की तरफ से एक शब्द नहीं आया, सिर्फ उनके वजन घटने की खबर आती है.'
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी लोकसभा में यह मामला उठाया और कहा कि कोचिंग सेंटर अब माफिया बनते जा रहे हैं. उन्होंने सरकार से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की. उन्होंने कहा, 'छात्र द्वारा आत्महत्या करने का मुद्दा देश में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है. दूसरे सदन (राज्यसभा) में 2023 में मंत्री की ओर से जवाब दिया गया था कि 2018 से 2022 के बीच 5 साल में सिर्फ आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में 80 छात्रों ने आत्महत्या की. परसों दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की जान चली गई. इस कोचिंग सेंटर के पास कोई स्वीकृत भवन ही नहीं था. कुछ कोचिंग सेंटर माफिया बन गये हैं. सरकार उनके खिलाफ कब कोई कार्रवाई करने जा रही है?'
नई दिल्ली से लोकसभा सांसद और भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने इस घटना के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह उनकी उदासीनता है जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी में तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत हो गई है. बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी AAP की आलोचना की और कहा, 'यह दोषारोपण के बारे में नहीं है. एमसीडी आम आदमी पार्टी के अधीन है और यही पार्टी पिछले 9 साल से दिल्ली पर राज भी कर रही है. इस तरह की घटनाएं हर साल होती हैं लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस समाधान नहीं निकाला है. जो अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो... केवल कुछ कोचिंग संस्थानों को सील करने से दीर्घकालिक समाधान नहीं निकलेगा.'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पीड़ितों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की. उन्होंने कहा कि कोई भी मुआवजा इस नुकसान के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, 'ये शर्मनाक है, इसमें कोई शक नहीं...उन युवाओं के सपने तो चकनाचूर हो गए, उनके परिवारों की उम्मीदें भी खत्म हो गईं. यह देश के लिए, देश के भविष्य के लिए और युवाओं के भविष्य के लिए अत्यंत दुखद है. जब किसी की जान चली जाती है तो आप क्या समाधान निकाल सकते हैं? हां, मुआवजा मिलना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि ऐसा दोबारा न हो, ताकि किसी को भी दोबारा वही नुकसान न उठाना पड़े. कोचिंग संस्थान द्वारा बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन किया गया, लेकिन एमसीडी ने कोई कार्रवाई नहीं की.' बाद में वह संस्थान में डूबने वाले छात्रों में से एक, नेविन डाल्विन के परिवार से मिलने के लिए दिल्ली के आरएमएल अस्पताल भी गए.
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी मामला उठाते हुए कहा कि मृतकों में से एक तान्या, जो बिहार की मूल निवासी थी, की कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में जलभराव के कारण जान चली गई. उन्होंने कहा कि सरकार को देश भर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आने वाले छात्रों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए.