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'खरगोन में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं की संपत्तियों पर चला बुलडोजर...' जहांगीरपुरी पर SC में सुनवाई के दौरान बोले सॉलिसिटर जनरल

Jahangirpuri: जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अतिक्रमण पर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अतिक्रमण की कार्रवाई पर रोक जारी रखी है. कोर्ट इस मामले में 2 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. इसके अलावा कोर्ट ने सभी पक्षों से जवाब मांगा है.

खरगोन में रामनवमी हिंसा के आरोपियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया था. खरगोन में रामनवमी हिंसा के आरोपियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया था.
संजय शर्मा/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST
  • जहांगीरपुरी में एमसीडी की कार्रवाई पर SC ने लगाई रोक
  • सुनवाई के दौरान खरगोन हिंसा का भी हुआ जिक्र

जहांगीरपुरी में एमसीडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है. हालांकि, कोर्ट ने अगली सुनवाई तक एमसीडी की कार्रवाई पर रोक को जारी रखा है. इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ये कार्रवाई सिर्फ एक समुदाय को टारगेट करने के लिए किया जा रहा है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, एमपी के खरगोन में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं के घर गिराए गए. 

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दरअसल, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में कहा है कि बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया. यह मुद्दा नहीं है.

दवे ने इस पर कहा कि ये दोनों बातें आपस में जुड़ी हैं. दवे ने कहा, बिना अनुमति के जुलूस निकाले गए. इसके बाद दंगा हुआ. इसके बाद पुलिस ने एक विशेष समुदाय के लोगों को आरोपी बनाया. इसके बाद एमसीडी ने कार्रवाई की.

वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा, अतिक्रमण की समस्या दिल्ली नहीं बल्कि पूरे देश की है. लेकिन यहां सिर्फ मुस्लिमों को टारगेट किया जा रहा है. वो भी खासतौर पर रामनवमी के दिन. 

खरगोन में हिंदुओं के 88 संपत्तियों को नुकसान पहुंचा- सॉलिसिटर जनरल

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, एमपी के खरगोन में सरकार के अभियान में 88 हिंदुओं और 28 मुस्लिमों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा. दिल्ली के जहांगीरपुरी में यह कार्रवाई सिर्फ अतिक्रमण के खिलाफ थी. इन लोगों को 2021 में नोटिस जारी किए गए थे. उस वक्त सुनवाई भी हुई थी. कोर्ट ने आदेश दिया था, इसके बाद अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई. लेकिन इसका विरोध किया जाने लगा. 

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