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जयपुर ब्लास्ट केस: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड किए तलब, जनवरी 2024 तक के लिए सुनवाई स्थगित

दिसंबर 2019 में एक ट्रायल कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान, सैफुर रहमान और मोहम्मद सरवर आजमी को मौत की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने 29 मार्च को 2008 के सिलसिलेवार विस्फोटों के लिए चार आरोपियों को मौत की सजा देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलट दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में जनवरी 2024 में विस्तृत सुनवाई तय करते हुए ट्रायल कोर्ट के सभी रिकॉर्ड तलब किए हैं. इस साल मई में, शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा चार दोषियों को बरी करने के खिलाफ राजस्थान राज्य और जयपुर सीरियल बम विस्फोट पीड़ितों में से दो पीड़ितों के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर अपील में चार बरी किए गए आरोपियों को नोटिस जारी किए थे. इस मामले में अब जनवरी में विस्तृत सुनवाई होगी.

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बता दें कि दिसंबर 2019 में एक ट्रायल कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान, सैफुर रहमान और मोहम्मद सरवर आजमी को मौत की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने 29 मार्च को 2008 के सिलसिलेवार विस्फोटों के लिए चार आरोपियों को मौत की सजा देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलट दिया था, जिसमें कम से कम 71 लोगों की जान चली गई थी और 185 घायल हो गए थे.

राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछले साल 29 मार्च को विस्फोट मामले में उन चार आरोपियों को बरी कर दिया था जिन्हें निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.
सबूतों की कड़ियों को जोड़ने में घटिया जांच करने के लिए जांच एजेंसियों की खिंचाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को जांच में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था.

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हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, "हम मानते हैं कि दिए गए मामले में जांच एजेंसी को उनकी लापरवाही, सरसरी और अक्षम कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार/जवाबदेह बनाया जाना चाहिए."

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