
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन 8 Ex नेवी अफसरों के परिवार से मुलाकात की है, जिन्हें कतर में मौत की सजा सुनाई गई है. विदेश मंत्री ने खुद सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से आज सुबह मुलाकात की.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मुलाकात के दौरान इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व दे रही है. हम उन परिवारों की चिंताओं और दर्द को समझते हैं. हमने परिवारों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास जारी रखेगी. परिवारों के साथ इस मुद्दे पर कॉर्डिनेट किया जाएगा.
2022 से कतर की जेल में हैं बंद
बता दें कि भारतीय नौसेना के ये सभी 8 पूर्व अफसर अगस्त 2022 से ही कतर की जेल में बंद हैं. कतर ने इन सभी पर जासूसी का आरोप लगया है. इस आरोप में सभी को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. इन्हें कतर की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन 8 अफसरों में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) भी शामिल हैं. इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था. कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं.
मार्च में हुई थी पहली सुनवाई
रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल मार्च के अंत में इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी. गिरफ्तार पूर्व नेवी अफसरों में से एक की बहन मीतू भार्गव ने अपने भाई को कतर से सुरक्षित वापसी के लिए भारत से मदद की गुहार लगाई थी. मीतू ने 8 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, 'ये पूर्व नौसेना अधिकारी देश के गौरव हैं. मैं प्रधानमंत्री मोदी से हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं कि अब समय आ गया है कि उन सभी को बिना किसी देरी के तुरंत भारत वापस लाया जाए.'
कतर की कंपनी में करते थे काम
ये सभी कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे. यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और दूसरी सेवाएं देती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है. कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है. रॉयल ओमान वायु सेना रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल अजमी इस कंपनी के सीईओ हैं.