
राजस्थान के जालोर में छुआछूत की वजह से दलित छात्र की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है. पुलिस की तरफ से बड़ा दावा किया गया है. अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) क्राइम रवि प्रकाश ने शासन को एक रिपोर्ट भेजी है. इसमें उन्होंने कहा कि स्कूल में उन्हें कोई मटका या मटकी रखी नहीं मिली. हालांकि, स्कूल के जिस कमरे में आरोपी टीचर रहता है, वहां एक मिट्टी का बर्तन रखने की जगह है. स्कूल स्टाफ और बच्चों का कहना है कि वे सभी लोग टंकी से पानी पीते थे.
बता दें कि गहलोत सरकार ने ADG (क्राइम) रवि प्रकाश को घटना की पूरी जांच के लिए जालोर में स्थित स्कूल भेजा था. शनिवार को जयपुर लौटने के बाद रवि प्रकाश ने आज तक से खास बातचीत की. एडीजी ने कहा कि उन्हें स्कूल में कोई मटकी या मिट्टी का बर्तन नहीं मिला. हालांकि, स्कूल में एक जगह ऐसी है, जहां मिट्टी का बर्तन रखा जाता है.
स्टाफ के लिए अलग से स्टोर तो नहीं करते थे पानी?
उन्होंने कहा- 'स्कूल के जिस कमरे में टीचर छैल सिंह रहता था, वहां मटकी रखने की जगह है. हालांकि, बच्चे जाते थे या नहीं, इस बारे में पता किया जा रहा है. स्टाफ और बच्चों का कहना था कि स्कूल में अलग से पानी रखने की कोई व्यवस्था नहीं थी. वे सभी लोग बाहर कैंपस में टंकी से पानी पीते थे. अब पुलिस ये पता कर रही है कि स्टाफ अपने लिए अलग से पानी स्टोर करके तो नहीं रखता था?
बच्चों को समझाए जाने के वीडियो की जांच होगी
स्कूली बच्चों को मटकी के बारे में समझाए जाने के एक कथित वीडियो पर एडीजी ने कहा कि ये जांच का विषय है. एडीजी रवि प्रकाश ने कहा- 'अब तक की जांच के बारे में पूरी जानकारी मौखिक तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय को दे दी है. मामले में एसआईटी जांच कर रही है. पूरे तथ्य सामने आने के बाद ही सच्चाई स्पष्ट हो पाएगी. अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा'
पुलिस को 22 दिन बाद घटना का पता चला
एडीजी ने कहा- '20 जुलाई से 11 अगस्त तक पुलिस को घटना की खबर नहीं थी. अहमदाबाद से डॉक्टर ने सूचना दी. तब परिवार ने कहा कि इलाज के बाद केस दर्ज कराएंगे. 13 अगस्त को बच्चे की मौत पर चाचा ने केस दर्ज कराया. अभियुक्त छैल सिंह को अरेस्ट किया.'
परिजन ने छुआछूत का आरोप लगाया था
बता दें कि जालोर जिले के सुराणा गांव में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में 9 साल का इंद्र मेघवाल कक्षा तीसरी का छात्र था. परिजन का आरोप है कि 20 जुलाई को बच्चा स्कूल में पढ़ने गया था. वहां प्यास लगने पर बच्चे ने टीचर के लिए रखी मटकी का पानी पी लिया. ये बात टीचर छैल सिंह को पता चली तो उन्होंने बच्चे के साथ मारपीट की. इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और 25 दिन इलाज चलने के बाद बच्चे की अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में मौत हो गई.
बच्चे आपस में लड़ाई का दावा कर रहे
हालांकि, इस घटना को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. सरस्वती विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय स्कूल के स्टाफ और बच्चों का कहना है कि स्कूल में पानी का कोई मटका है ही नहीं. इंद्र कुमार के साथ पढ़ने वाले छात्र राजेश का कहना था कि उसकी और इंद्र कुमार की आपस में लड़ाई हो गई थी, जिस पर टीचर छैल सिंह सर ने हम दोनों के कान के नीचे चांटा मारा था. उस दिन के बाद से मैं स्कूल नहीं आया.
गांव वाले टीचर के समर्थन में...
मटके को लेकर सवाल पर राजेश ने कहा स्कूल के सभी बच्चे टांके (पानी की टंकी) से ही पानी पीते हैं. वहीं, स्कूल स्टाफ का कहना है कि उस दिन क्या हुआ हमें नहीं मालूम लेकिन यहां कोई भेदभाव नहीं है. सारा स्टाफ और बच्चे टांके से ही पानी पीते हैं. मटका वहां नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में किसी तरह का जातिगत भेदभाव नहीं है. स्कूल में आधे से ज्यादा एससी एसटी वर्ग से हैं. आधे शिक्षक भी इसी वर्ग से हैं. दो बच्चों के बीच झगड़े को छुआछूत का रंग दिया गया.