जेडीयू में बगावत के बीच नीतीश के साथ जमा खान, संजय झा बोले- जो पार्टी छोड़ रहे उन्हें हम भी नहीं जानते

वक्फ बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास कराने में एनडीए के दो सहयोगी दलों- जनता दल यूनाइटेड (JDU) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का महत्वपूर्ण योगदान रहा. दोनों दलों ने संसद के ​ऊपरी और निचले सदन में वक्फ बिल का समर्थन किया. हालांकि, वक्फ विधेयक का समर्थन करने को लेकर जेडीयू के मुस्लिम नेता पार्टी से नाराज हैं. 

Advertisement
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार. (PTI Photo) बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार. (PTI Photo)

aajtak.in

  • पटना,
  • 04 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद कानून बनने से सिर्फ एक कदम दूर है. अब इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उनकी मुहर लगने के बाद भारत सरकार गजट अधिसूचना जारी करेगी और वक्फ विधेयक कानून बन जाएगा. इस बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास कराने में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दो सहयोगी दलों- जनता दल यूनाइटेड (JDU) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का महत्वपूर्ण योगदान रहा. दोनों दलों ने संसद के ​ऊपरी (राज्यसभा) और निचले (लोकसभा) सदन में वक्फ विधेयक का समर्थन किया. हालांकि, वक्फ विधेयक का समर्थन करने के कारण जेडीयू के मुस्लिम नेता पार्टी से नाराज हैं. 

Advertisement

मोहम्मद कासिम अंसारी, मोहम्मद शाहनवाज मलिक, नदीम अख्तर, तबरेज सिद्दीकी और राजू नैयर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे अलग-अलग पत्रों में पार्टी से अपने इस्तीफे का ऐलान किया है. इन नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने वक्फ विधेयक का समर्थन करके मुसलमानों का विश्वास खो दिया है, जो मानते थे कि उनके नेतृत्व वाली जदयू एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. हालांकि, नीतीश कुमार को जेडीयू के एक अन्य मुस्लिम नेता जमा खान का पूर्ण समर्थन मिला है. वहीं, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का कहना है कि जिन दो मुस्लिम नेताओं ने वक्फ बिल के विरोध में जदयू से इस्तीफा देने का ऐलान किया है, उन्हें वह खुद नहीं जानते.

यह भी पढ़ें: औरंगजेब को लेकर JDU MLC खालिद अनवर ने दिया बयान तो भड़के जदयू MLA कुमार संजीव, कहा- ऐसे लोगों को गाजा पट्टी भेज देना चाहिए

Advertisement

जमा खान ने वक्फ विधेयक का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री नी​तीश कुमार में अपनी आस्था जताई. उन्होंने कहा, 'अल्पसंख्यक समुदाय ने जिसे अपना नेता बनाया था उनके द्वारा पहले कोई काम नहीं किया गया. उनके हक में जो भी काम हुआ है वह एनडीए गठबंधन में नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुआ है. कब्रिस्तान का मामला हो, मदरसा का मामला हो या मदरसा शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी का मामला हो, सभी क्षेत्रों में नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए बेहतर काम किया है. वक्फ संशोधन विधेयक में जिस बिंदु पर ज्यादा परेशानी थी, उस पर हमारे नेता नीतीश कुमार ने चर्चा की. कुछ लोग हल्ला-गुल्ला करते हैं, जिसका कोई मतलब नहीं है. जेडीयू राजनीतिक पार्टी है. लोगों का आना-जाना लगा रहता है.'

यह भी पढ़ें: 'मुस्लिम जदयू को वोट नहीं करते' वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की बढ़ी मुश्किलें, परिवाद दाखिल

जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने कहा, 'विपक्षी दलों को अपनी चिंता करनी चाहिए. जेडीयू नीतीश कुमार की पार्टी है. नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए बहुत काम किया है. जब तक नीतीश हैं, मुसलमानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा. उन लोगों को हम भी नहीं जानते जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं.' बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा में 12-12 घंटे चली मैराथन बहस के बाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक पास हो गया. लोकसभा में जहां वक्फ बिल के समर्थन में 288 वोट पड़े, वहीं विरोध में 232 वोट पड़े. वहीं राज्यसभा में इस विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े.'
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement