
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और उसके समर्थकों पर शिकंजा कसते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. इन कर्मचारियों पर आतंकियों को मदद पहुंचाने और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था. सरकारी जांच और खुफिया एजेंसियों के पुख्ता सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की है.
आतंकियों के लिए काम करता था स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी
पहला मामला अब्दुल रहमान नैका का है, जो स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट था. कुलगाम के देवसर इलाके का रहने वाला नैका 1992 में स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल असिस्टेंट के तौर पर नियुक्त हुआ था. जांच में पता चला कि वह लंबे समय से आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम कर रहा था.
यह भी पढ़ें: टारगेट किलिंग, TRF और नया टेरर मैप... जम्मू कश्मीर के शांत इलाकों को दहलाने की पाकिस्तानी साजिश समझें
2021 में कुलगाम के राष्ट्रवादी नेता गुलाम हसन लोन की हत्या की जांच के दौरान नैका की भूमिका सामने आई. लोन को आतंकियों ने सिर्फ इसलिए निशाना बनाया क्योंकि उनके तीनों बेटे सुरक्षा बलों में सेवा दे रहे हैं. पुलिस जांच में पता चला कि लोन की हत्या की साजिश में नैका शामिल था. उसने आतंकियों को गुलाम लोन की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद की और उनके सुरक्षित भागने की योजना बनाई.
पुलिस ने जब नैका को गिरफ्तार किया तो उसके पास से हैंड ग्रेनेड और एके-47 की गोलियां बरामद हुईं. पूछताछ में उसने यह भी कबूल किया कि पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स ने उसे कुलगाम में सुरक्षा बलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले करने का निर्देश दिया था.
यह भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर में युवाओं को आतंकी बनाने का डिजिटल प्लान, ब्रेनवॉश कर ऐसे कर रहे भर्तियां
स्कूल का शिक्षक बना आतंकियों का मददगार
दूसरा मामला जहीर अब्बास का है, जो शिक्षा विभाग में टीचर था. किश्तवाड़ के बधात सरूर का रहने वाला जहीर 2012 में शिक्षक के रूप में नियुक्त हुआ था. 2020 में उसे तीन सक्रिय आतंकियों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. जांच में पाया गया कि जहीर हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करता था.
जहीर ने न सिर्फ आतंकियों को खाने-पीने और हथियारों का इंतजाम किया, बल्कि सुरक्षा बलों की गतिविधियों की जानकारी भी पाकिस्तानी हैंडलर्स को दी. पूछताछ में उसने आतंकी ठिकानों और हथियारों के स्टॉक की जानकारी दी.
यह भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर में सेना को बड़ी कामयाबी, पुंछ में 2 आतंकी गिरफ्तार, गोला-बारूद और ग्रेनेड भी बरामद
आतंकवाद पर LG की सख्ती
LG मनोज सिन्हा ने कार्रवाई करते हुए इन दोनों कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया. उन्होंने हाल ही में एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में कहा था कि आतंकवाद और उसके समर्थकों को जड़ से खत्म करना उनकी प्राथमिकता है.
जांच एजेंसियों का कहना है कि अब्दुल रहमान नैका और जहीर अब्बास ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर आतंकवाद को बढ़ावा दिया. इनकी वजह से भारत सरकार के पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों के लिए किया गया. जहीर जैसे लोग, जो स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी निभा रहे थे, उनके बीच कट्टरपंथ फैलाने का काम कर रहे थे.