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कश्मीर में चुनाव, स्टेटहुड, परिसीमन... क्या होगा J-K पर PM मोदी की बातचीत का एजेंडा?

जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अहम बैठक करने जा रहे हैं. अनुच्छेद 370 हटने के करीब दो साल बाद जम्मू-कश्मीर को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ी है. ऐसे में मीटिंग में बातचीत का एजेंडा क्या होगा, इसपर हर किसी की नज़र है.

प्रधानमंत्री की बैठक में जम्मू-कश्मीर के कई नेता होंगे शामिल (Photo: Abid Bhat) प्रधानमंत्री की बैठक में जम्मू-कश्मीर के कई नेता होंगे शामिल (Photo: Abid Bhat)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2021,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST
  • जम्मू-कश्मीर को लेकर पीएम मोदी की मीटिंग
  • राज्यों के नेताओं के साथ अहम मुद्दों पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज जम्मू-कश्मीर को लेकर अहम बैठक होनी है. दोपहर तीन बजे ये बैठक शुरू होगी, जिसमें जम्मू-कश्मीर के करीब एक दर्जन से अधिक नेता शामिल होंगे. अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को लेकर सबसे बड़ी राजनीतिक बैठक हो रही है, जिसमें राज्य के नेताओं की भी हिस्सेदारी है. 

अभी तक इसको लेकर कोई तय एजेंडा सामने नहीं आया है, लेकिन अटकलों का दौर लगातार जारी है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में किन विषयों पर मुख्य रूप से फोकस हो सकती है. इनपर नज़र डालिए...

परिसीमन को लेकर होगी चर्चा?
जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश है, हालांकि यहां विधानसभा अभी भी है. अनुच्छेद 370 हटने के वक्त यहां पर कुछ विधानसभा सीटों को बढ़ाया भी गया था, तभी परिसीमन की बात सामने आई थी. ऐसे में अब उम्मीद लगाई जा रही है कि मीटिंग में इस मसले पर चर्चा हो सकती है. 

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इसकी उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि बुधवार को ही चुनाव आयोग ने परिसीमन के मसले पर जम्मू-कश्मीर के कई अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी. जम्मू-कश्मीर में अब 90 विधानसभा सीटें होंगी, इनसे अलग 24 सीटें पीओके के लिए रिजर्व रहती हैं. 



मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा?
महा-मीटिंग को लेकर एक और कयास जो लगाया जा रहा है, वह जम्मू-कश्मीर को वापस पूर्ण राज्य का दर्जा देने का है. केंद्र सरकार ने जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाई थी, तब राज्यों का बंटवारा किया गया और साथ ही केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. 

जम्मू-कश्मीर को विधानसभा के साथ वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. तब केंद्र की ओर से कहा गया था कि सही वक्त आने पर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. अब उस बात को करीब दो साल हो गया है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि राजनीतिक दलों से चर्चा के बीच इस बात को उठाया जा सकता है. 

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अबकी बार, कश्मीर में चुनाव?
एक और अहम मुद्दा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का है. राज्य में 2018 के बाद कोई चुनी हुई सरकार नहीं आ पाई है. बीजेपी और पीडीपी की सरकार टूट जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में केंद्र की ओर से शासन किया जा रहा है, अभी वहां की कमान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हाथ में हैं.

ऐसे में अगर जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल को बढ़ावा देना है और राज्य में हालात सामान्य करने की ओर कदम बढ़ाना है, तो राज्य में विधानसभा चुनाव एक बड़ी पहल हो सकती है. हालांकि, 2018 से अबतक के बीच जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव, डीडीसी चुनाव हो चुके हैं. 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में ये बैठक दोपहर तीन बजे होगी. इस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे. वहीं, जम्मू-कश्मीर के करीब एक दर्जन नेताओं को मीटिंग में बुलाया गया है. 

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