
जम्मू कश्मीर पुलिस ने डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या के मामले में उनके नौकर यासिर को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अब आरोपी यासिर की डेढ़-दो साल की हिस्ट्री खंगाल रही है. पुलिस ने यह पता करने में जुट गई है कि उसने 2 साल पहले घर छोड़ने के वक्त से अब तक क्या क्या किया और कहां कहां रहा.
पुलिस ने इस मामले में अब तक आतंकी एंगल होने की बात से इनकार किया है. 1992 बैच के अफसर हेमंत कुमार लोहिया का शव मंगलवार देर रात उनके दोस्त के घर मिला था. मामले में जांच में जुटी पुलिस ने 23 साल से यासिर को गिरफ्तार किया है. वह लोहिया के दोस्त का नौकर था. लोहिया की हत्या के बाद प्रशासन और सुरक्षाबलों में हड़कंप मच गया. लोहिया की मौत ऐसे वक्त पर हुई, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन के जम्मू कश्मीर दौरे पर हैं.
घटनास्थल से 10 किमी दूर से गिरफ्तार हुआ आरोपी
आरोपी नौकर यासिर को पुलिस ने घटनास्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर कान्हाचाक से गिरफ्तार किया था. वह यहां एक खेत में छिपा था. लोहिया अगस्त में ही जम्मू-कश्मीर में डीजी जेल के रूप में तैनात हुए थे. उन्हें अभी तक आवास नहीं मिला था. वे जम्मू के उदयवाला इलाके में एक दोस्त के घर पर रह रहे थे. आरोपी यासिर डीजी लोहिया के दोस्त के घर पर पिछले 6 महीने से नौकर था. लोहिया के दोस्त NGO चलाते हैं.
पीछे के दरवाजे से भागा आरोपी
लोहिया के परिवार के सदस्यों के मुताबिक, लोहिया कमरे में अपने सूजे हुए पैरों पर तेल लगा रहे थे. तभी यासिर कमरे में पहुंचा और उसने कमरे को अंदर से बंद कर दिया. कुछ देर बाद कमरे से शोर गुल सुनाई दिया. इसके बाद लोहिया के परिवार के लोग और गार्ड ने कमरे का गेट तोड़ने की कोशिश की. जब सब लोग अंदर पहुंचे, तो देखा कि लोहिया के गले से खून बह रहा था और उनके शव को तकिये से जलाने की कोशिश की गई थी. परिवार के सदस्यों के कमरे में प्रवेश करने से पहले यासिर घर के पिछले दरवाजे से भाग गया. पुलिस को कमरे से केचप की टूटी बोतल बरामद हुई, इसी से उनका गला रेता गया था.
दो साल पहले छोड़ा था घर
आरोपी नौकर यासिर रामबन का रहने वाला है. उसने दो साल पहले अपना घर छोड़ दिया था. इसके बाद से वह कहां कहां रहा, उसने क्या क्या किया. इसकी जांच पुलिस कर रही है. पुलिस का मानना है कि यह काफी अहम होगी. उधर, आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने हत्या की जिम्मेदारी ली है. हालांकि, इसे लेकर पुलिस डीजी दिलबाग सिंह ने कहा कि ये आतंकवादी समूह बेशर्मी से कुछ भी दावा करते हैं.
उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला, जिससे इस घटना में किसी आतंकी समूह के शामिल होने का पता चलता हो. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान अगर ऐसा कुछ सामने आता है तो हम इसे देखेंगे.