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कौन है 'सुल्तान', जिसे बताया जा रहा पुंछ हमले का मास्टरमाइंड, क्या है PoK कनेक्शन

रफीक तहरीक उल मुजाहिद्दीन का कमांडर है. उसका काम PoK के टेरर कैंप में ट्रेनिंग पूरी कर चुके आतंकियों को जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराना है. एजेंसियों को शक है कि पुंछ हमले के पीछे भी उसी का हाथ है. रफीक पुंछ जिले के मेंढर का रहने वाला है. वह पीओके में है और वहां से राजौरी पुंछ में आंतक को जिंदा करने की साजिश रच रहा है.

पुंछ में आतंकियों ने सेना के ट्रक पर हमला कर दिया था. पुंछ में आतंकियों ने सेना के ट्रक पर हमला कर दिया था.
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

जम्मू कश्मीर के पुंछ में गुरुवार को आतंकियों ने सेना के ट्रक पर हमला कर दिया था. इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे. पुंछ में हुए इस आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एजेंसियों को शक है कि इस हमले का मास्टरमाइंड रफीक नाई उर्फ सुल्तान है. उसने ही PoK में बैठकर ये साजिश रची. रफीक पुंछ का ही रहने वाला है, वह कुछ सालों पहले भारत से भागकर पीओके पहुंच गया था.  

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खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, रफीक तहरीक उल मुजाहिद्दीन/ गजवनी कमांडर है. उसका काम PoK के टेरर कैंप में ट्रेनिंग पूरी कर चुके आतंकियों को जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराना है. एजेंसियों को शक है कि पुंछ हमले के पीछे भी उसी का हाथ है. सेना के ट्रक पर हमला करने वाले आतंकी रफीक की मदद से ही जम्मू कश्मीर में दाखिल हुए. 

रफीक पुंछ जिले के मेंढर का रहने वाला है. वह पीओके में है और वहां से राजौरी पुंछ में आंतक को जिंदा करने की साजिश रच रहा है. सूत्रों के मुताबिक, सेना के ट्रक पर हुए हमले को 5 आतंकियों ने अंजाम दिया था जिसमें से 2 आतंकी पाकिस्तानी थे. इस हमले में NIA समेत अन्य एजेंसियां सभी पहलुओं पर जांच कर रही हैं. 

पुंछ के भाटा धूरियन में सेना के ट्रक पर हुआ था हमला

समाचार एजेंसी के मुताबिक, पुंछ जिले के भाटा धूरियन के घने जंगलों में गुरुवार को इफ्तार के लिए खाने का सामान ले जा रहे सेना के ट्रक पर आतंकियों ने हमला किया था. सुरक्षा अधिकारियों ने इस हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के ट्रक पर घात लगाकर हुआ हमला 22 साल पहले राजौरी जिले में पुलिस वाहन पर हुए आतंकवादी हमले के समान है. 

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सीमा पर बसे भाटा धूरियन को आतंकियों का सबसे पसंदीदा घुसपैठ की जगह माना जाता है. यहां सेना के ट्रक पर हुए हमले को पुंछ और राजौरी में आतंकवाद के दोबारा पैर पसारने के तौर पर देखा जा रहा है, जहां लगभग एक दशक पहले आतंकवाद का सफाया हो गया था. 
 
2001 में राजौरी में हुआ था ऐसा ही हमला

अधिकारियों ने बताया कि पुंछ हमले की जांच कर रहे अधिकारियों को ​​1 जनवरी 2001 में राजौरी में हुए पुलिस वाहन पर हमले में समानता मिली है. राजौरी में हुए इस हमले में एसओजी के 14 जवानों शहीद हो गए थे, जबकि दो स्वास्थ्य कर्मियों की भी मौत हो गई थी. 

राजौरी में 2001 में जिस जगह पर हमला हुआ था, वह भाटा धूरियन से सिर्फ 21 किलोमीटर दूर है. दोनों हमलों के दौरान वाहन में सवार जवानों पर काफी पास से अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. इसके बाद आतंकियों ने विस्फोटकों से वाहनों में आग लगा दी थी. इसके बाद आतंकी जवानों की सर्विस राइफलें लेकर फरार हो गए. 

अधिकारियों के मुताबिक, यह हमला सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता की वजह है, क्योंकि इस क्षेत्र को लगभग आतंकवाद मुक्त माना जाता था लेकिन हमलावरों ने जम्मू-राजौरी-पुंछ नेशनल हाईवे पर दिन के उजाले में सेना के वाहन पर हमला किया और फिर घने जंगलों का फायदा उठाकर भाग गए. 

 

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