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भड़काऊ भाषण मामला: जंतर-मंतर पर मौजूद नहीं थे अश्विनी उपाध्याय- कोर्ट से बोले BJP नेता के वकील

जंतर मंतर पर आपत्ति जनक भाषण देने के मामले में गिरफ्तार वकील  व बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की जमानत अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. उपाध्यय की तरफ से वकील विकास सिंह और सद्धार्थ लूथरा पेश हुए.

बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय. (फाइल फोटो) बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय. (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST
  • जंतर-मंतर पर मौजूद नहीं थे अश्विनी- वकील
  • अश्विनी ने खुद कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो- वकील

जंतर मंतर पर आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में गिरफ्तार वकील व बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की जमानत अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. उपाध्यय की तरफ से वकील विकास सिंह और सद्धार्थ लूथरा पेश हुए हैं. सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि जब कथित नारेबाजी हुई तो अश्विनी मौके पर नहीं थे. सिद्धार्थ ने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया. सिद्धार्थ ने कहा कि अश्विनी के खिलाफ मामला नहीं बनता है.

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कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से पूछा आप जमानत पर क्या कहना चाहते हैं. वकील ने कहा कि जहां लोग एकत्रित हुए थे वो जगह संसद के पास है. 15 अगस्त की तारीख नजदीक है, इस तरह की भीड़ जानबूझकर जुटाई गई. कोरोना संकट भी चल रहा है और इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया. वकील ने कहा कि इन लोगों ने IO की बात नहीं मानी. उपाध्याय ये कह रहे है कि वो घटना के समय वहां नहीं थे, लेकिन वो थे या नहीं ये जांच का विषय है.

अभियोजन पक्ष यानी दिल्ली पुलिस ने कहा कि पहले तो ये बिना इजाजत वहां इकट्ठा हुए. उसके बाद पुलिस ने समझाया तो पुलिस की भी नहीं सुनी. जब भड़काऊ नारे लगाए गए तो इन लोगों ने पुलिस को इस बाबत नहीं बताया. लिहाज़ा पुलिस को इस मामले में अभी जांच करनी है.

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अश्विनी उपाध्याय के वकील विकास सिंह ने कहा कि जब कथित नारेबाजी के समय अश्विनी वहां थे ही नहीं यानी वो पहले ही वहां से चले गए थे तो उनकी भूमिका कहां से आई? शाम को जब वीडियो वायरल हुआ है तो आपने सुबह से शाम जो वहां थे उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि अश्विनी का नारे लगाने वालों से कोई नाता नहीं है. केवल पब्लिक को दिखाने के लिए अश्विनी को गिरफ्तार किया गया है. सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि अश्विनी उपाध्याय वहां से चले गए थे. सुबह जब तक अश्विनी और अन्य वक्ता थे तब तक वहां इस तरह के कोई स्लोगन नहीं लगे.

वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि अश्विनी उपाध्याय ने खुद मीडिया में कहा था कि जो लोग नारे लगा रहे थे उनके खिलाफ कार्रवाई हो. अभियोजन पक्ष के पास अश्विनी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है. वकील अश्विनी दुबे ने भी कोर्ट से कहा कि उपाध्याय ने खुद पुलिस को ईमेल किया था.

 

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