
दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुई घटना के मामले में रविवार देर शाम एफआईआर दर्ज की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने पहलवानो साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ ही प्रदर्शन के आयोजकों, और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा- 147, 149, 186, 188, 332, 353, PDPP अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि रविवार को संसद भवन के उद्घाटन के दौरान, पहलवानों ने महिला महापंचायत का ऐलान किया था. रविवार को जब पहलवान, मार्च निकाल रहे थे, तो इस दौरान पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी, साथ ही प्रदर्शन स्थल से पहलवानों के तंबू आदि भी हटा दिए थे.
बजरंग-साक्षी और विनेश के साथ ही आयोजकों पर FIR
मिली जानकारी के अनुसार, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के खिलाफ भी मामला दर्ज है. इसके अलावा पहलवानों के प्रदर्शन के जो भी आर्गेनाइजर थे उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस का कहना है रात में भी रेसलर प्रोटेस्ट वाली जगह पर आए थे. तकरीबन 7-8 लोग थे उन्हें वापस भेज दिया गया है. अब प्रोटेस्ट करने की इजाज़त नही दी गई.
विनेश फोगाट ने किया ट्वीट
एफआईआर दर्ज होने को लेकर पहलवान विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने ट्वीट किया कि, 'दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए. क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है ? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. एक नया इतिहास लिखा जा रहा है.'
घर वापस जाना विकल्प नहीं: बजरंग पुनिया
बजरंग पुनिया ने कहा कि घर वापस जाना कोई विकल्प नहीं है. मैं बाकी पहलवानों से मिलूंगा और हम तय करेंगे कि आगे क्या करना है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यौन उत्पीड़न का आरोपी नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हुआ. दिल्ली पुलिस को बृजभूषण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लग गए और हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 7 घंटे में नहीं लगे.
महिला महापंचायत करने पर दिल्ली पुलिस ने की थी कार्रवाई
बता दें कि रविवार को दिल्ली पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी. पहलवानों पर रविवार को हुई कार्रवाई के बाद जहां दिल्ली पुलिस की चौतरफा निंदा हो रही है, वहीं इस पूरे मामले के कुछ घंटे बाद पहलवानों ने लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया था. साक्षी मलिक ने कहा था कि पहलवानों का विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है और जैसे ही दिल्ली पुलिस उन्हें रिहा करेगी, वे जंतर-मंतर पर वापस लौटेंगे. रविवार को 'महिला महापंचायत' के दौरान नए संसद भवन की ओर जाते हुए दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिए गए पहलवानों में विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और अन्य प्रदर्शनकारी पहलवान भी शामिल थे.
हमारा विरोध खत्म नहीं हुआः साक्षी मलिक
साक्षी ने ट्विटर पर लिखा था, "हमारा विरोध खत्म नहीं हुआ है. हम पुलिस हिरासत से रिहा हुए हैं और जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह वापस शुरू करेंगे. इस देश में महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा, तानाशाही नहीं." सामने आया था कि रविवार दोपहर को उन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद, एक बस में चढ़ा दिया गया, और बुराड़ी के एक निजी फार्म हाउस में बनी एक अस्थायी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया. बाद में, दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन स्थल से पहलवानों के चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और अन्य सामान हटा दिए. शाम करीब साढ़े पांच बजे पहलवानों को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया था.
महिला महापंचायत की नहीं थी अनुमति: दिल्ली पुलिस
वहीं, पुलिस अधीक्षक (अंबाला) जशनदीप सिंह ने कहा कि दिल्ली में 'महिला महापंचायत' आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई थी. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सोनीपत, झज्जर, जींद, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा और गुरुग्राम जिलों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और हरियाणा में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की गहन जांच की जा रही है. इस बीच, कई वीडियो में पुलिसकर्मियों पहलवानों के साथ हाथापाई करते दिख रहे हैं.
स्वाति मालीवाल ने की ये मांग
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को पत्र लिखकर WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने पहलवानों की रिहाई और उन्हें हिरासत में लेने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की.
हिरासत में थे बजरंग पूनिया, देर रात हुए रिहा
इससे पहले पहलवान बजरंग पूनिया का भी ट्वीट आया था, जिसमें उन्होंने खुद को हिरासत में रखे जाने की बात कही थी. जबकि उस समय पुलिस ने कुछ पहलवानों को रिहा कर दिया था, लेकिन कई पहलवान हिरासत में थे. बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर दावा किया था कि वे अब भी पुलिस की हिरासत में हैं. उन्हें यह बताया भी नहीं जा रहा है कि किस जुर्म के लिए उन्हें डिटेन किया गया है.
बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर कहा,'मुझे अभी तक पुलिस ने अपनी हिरासत में रखा हुआ है. कुछ बता नहीं रहे. क्या मैंने कोई जुर्म किया है? कैद में तो बृजभूषण को होना चाहिये था. हमें क्यों कैद करके रखा गया है?.' हालांकि देर रात सामने आया कि बजरंग पूनिया को भी रिहा कर दिया गया है.
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राकेश टिकैत ने रिहाई के लिए बॉर्डर पर किया था प्रदर्शन
उधर, पहलवानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजियाबाद बार्डर पर डट गए थे. वह यहां से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें रोक रही थी. पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद टिकैत ने कहा था कि पहले खिलाड़ियों की रिहाई होगी, इसके बाद ही किसान बॉर्डर से विदा होंगे. उन्होंने कहा था कि, पहले खिलाड़ियों को छोड़ा जाए या फिर हमें भी गिरफ्तार किया जाए. हालांकि बाद में जब पहलवानों को हिरासत से छोड़े जाने की खबर आई थी तो वह बॉर्डर से लौट गए थे.