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'51 कार्टन में भरके सोनिया को गिफ्ट किया...', आखिर नेहरू की कौन सी चिट्ठियां वापस मांग रहा पीएम म्यूजियम

PMML के सदस्य रिज़वान कादरी ने दस दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखा था. इससे पहले उन्होंने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था. अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए.

जवाहर लाल नेहरू- फाइल फोटो जवाहर लाल नेहरू- फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी के सदस्य रिज़वान कादरी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर दस्तावेजों को वापस देने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि ये दस्तावेज 'PMML के इतिहास का महत्वपूर्ण पहलू' हैं और कथित तौर पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के आदेश पर संग्रहालय से वापस ले लिए गए थे. रिज़वान कादरी का कहना है कि यूपीए के शासनकाल में 2008 में 51 कार्टन में भरकर जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे. ये चिट्ठी जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल ने 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (अब PMML) को दिए थे.

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राहुल, सोनिया को पत्र लिख चुके हैं कादरी
PMML के सदस्य रिज़वान कादरी ने दस दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखा था. इससे पहले उन्होंने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था. अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए.

नेहरू ने किसे लिखी थी चिट्ठी?
जवाहर लाल नेहरू ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे.

कादरी ने क्या कहा?
इतिहासकार और लेखक तथा प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी के सदस्यों में से एक रिज़वान कादरी ने कहा, 'सितंबर 2024 में मैंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि 2008 में नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय से वापस लिए गए 51 कार्टन संस्था को लौटा दिए जाएं. हमने कहा था कि हमें उन्हें देखने और स्कैन करने की अनुमति दी जाए या उनकी एक कॉपी हमें दी की जाए ताकि हम उनका अध्ययन कर सकें. 

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रिज़वान कादरी ने कहा, जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम, एडविना माउंटबेटन और भारतीय इतिहास से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण पत्रों सहित कई महत्वपूर्ण पत्र वहां थे. चूंकि उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. मैंने विपक्ष के नेता और उनके बेटे राहुल गांधी से उन्हें वापस लाने में हमारी मदद करने का अनुरोध किया. हमें उम्मीद है कि विपक्ष के नेता के रूप में वे इस पर गौर करेंगे और इसे शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराएंगे.'

एक दूसरे को लिखे गए थे पत्र
रिज़वान कादरी ने कहा, 'इनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू और लेडी माउंटबेटन के बीच जरूरी पत्राचार, साथ ही पंडित गोविंद बल्लभ पंत, जयप्रकाश नारायण और अन्य के साथ एक दूसरे को लिखे पत्र शामिल हैं. ये पत्र भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और अभिलेखों के माध्यम से यह साबित हो चुका है कि इन्हें 2008 में सोनिया गांधी के निर्देश पर संग्रहालय से वापस ले लिया गया था.' 

कादरी ने यह भी बताया कि सोनिया गांधी से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने इसी संबंध में लोकसभा के नेता राहुल गांधी को एक और पत्र लिखा. 

पत्र क्यों मंगवाए गए हमें जानकारी नहीं: रिज़वान कादरी
कादरी ने कहा, 'चूंकि उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए मैंने विपक्ष के नेता राहुल गांधी से इसको वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया है. मैंने उनसे यह भी आग्रह किया है कि वे इस बात पर विचार करें कि ये दस्तावेज देश की विरासत का हिस्सा हैं और इसके इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं. जब तक हम इन सामग्रियों को नहीं देख लेते, हम उन्हें वापस लेने के कारणों का पता नहीं लगा सकते. उन्हें हटाए जाने के पीछे कुछ आपत्तिजनक सामग्री रही होगी.' 

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संबित पात्रा ने उठाए सवाल
भारतीय जनता पार्टी के सांसद संबित पात्रा ने भी इस पर जवाब दिया है. पात्रा ने एक्स पर कहा, 'आज के प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय तथा पहले नेहरू संग्रहालय और पुस्तकालय से, तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेहरू द्वारा 'एडविना माउंटबेटन' सहित विभिन्न हस्तियों को लिखे गए पत्रों के 51 कार्टून ले लिए! हाल ही में संपन्न पीएमएमएल की एजीएम में सदस्यों में से एक, रिज़वान कादरी ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखा है और अपनी मां सोनिया गांधी से पत्र वापस पाने में उनकी मदद मांगी है!' 

पत्र में क्या था हम जानना चाहते हैं: संबित पात्रा
भाजपा सांसद ने कहा, 'मुझे इस बात की उत्सुकता है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा जिसे सेंसर करने की आवश्यकता थी. क्या विपक्ष के नेता राहुल गांधी, नेहरू और एडविना के बीच पत्रों को वापस पाने में मदद करेंगे.' 

नई दिल्ली में तीन मूर्ति परिसर में नेहरू संग्रहालय स्मारक और पुस्तकालय पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास था और इसे केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक ऑटानमस संस्थान के रूप में उनकी याद में स्थापित किया गया था.

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