
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में स्वामी विवेकानंद की तस्वीर लगने के बाद नाम बदने के मांग भी उठने लगी है. बीजेपी महासचिव और कर्नाटक के पूर्व मंत्री सीटी रवि ने केंद्र सरकार से मांग की है कि दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी रखा जाए.
बीजेपी नेता सीटी रवि ने ट्वीट करके कहा, 'वो स्वामी विवेकानंद ही थे, जो भारत की विचारधारा के साथ खड़े हुए. उनका दर्शन और उनके मूल्य भारत की शक्ति को दर्शाते हैं. देश हित में यही सही होगा कि जेएनयू का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर दिया जाए. भारत के इस देशभक्त संत का जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा.'
हालांकि, बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि विवेकानंद जी भारतीय अध्यात्म के आध्यात्मिक गुरू हैं, जिन्होंने भारत का नाम विश्व में ऊंचा किया है, लेकिन जेएनयू का नाम बदले जाने के हम विरुद्ध हैं.
कांग्रेस नेता राशिल अल्वी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की बेइज्जती करने की बीजेपी की आदत हो गई है. स्वामी विवेकानंद केवल बीजेपी के नहीं थे, वो देश के थे. जवाहरलाल नेहरू भी पूरे देश के थे. बीजेपी उनके खिलाफ बोलती है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह अकेला राजनीतिक दल है, जो अपने पूर्वजों की मुखालफत करता है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेएनयू परिसर में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा था कि लोगों में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन विचारधारा का समर्थन करना चाहिए और राष्ट्र हित के मामलों में राष्ट्र का विरोध नहीं करना चाहिए.