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राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति की टोन पर सवाल उठाए. सभापति जगदीप धनखड़ भड़के और मर्यादित आचरण की नसीहत दी. विपक्षी सदस्यों ने 'दादागीरी नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए वॉकआउट कर दिया. राज्यसभा में विपक्ष के आचरण को अमर्यादित बताते हुए निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ. राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे और निंदा प्रस्ताव के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इस पूरे हंगामे की शुरुआत कहां से हुई?
दरअसल, राज्यसभा में शून्यकाल की कार्यवाही पूरी होने के बाद प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्ष ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर घनश्याम तिवाड़ी की ओर से की गई टिप्पणी का मुद्दा उठा दिया. जयराम रमेश ने कहा कि कुछ आपत्तिजनक बातें कही गई थीं. इस पर आपने कहा था कि रुलिंग देंगे. उन्होंने सवाल किया कि वह रुलिंग क्या है? इसके जवाब में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और घनश्याम तिवाड़ी, दोनों ही मेरे चैंबर में आए थे. एक-एक चीज पर नजर डाली गई.
उन्होंने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी ने कहा था कि अगर कुछ भी आपत्तिजनक हो तो मैं सदन में माफी मांगने के लिए तैयार हूं. खड़गेजी भी इस पर सहमत थे कि कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है, उस समय समझ नहीं आया. उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रशंसा में घनश्याम तिवाड़ी ने श्रेष्ठतम बातें कही थीं. कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था. इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह बातें सदन भी जानना चाहिए. सभापति ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी ने संसदीय भाषा में अपनी बातें कहीं.
जयराम रमेश ने माफी मांगने की मांग की. इस पर सभापति ने कहा कि प्रशंसा के लिए कोई माफी नहीं मांगता.वे माफी नहीं मांगेंगे. इस पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो शब्द कहे थे, वह दोहराना नहीं चाहता. जो टोन थी, वह विपक्ष के नेता के लिए ठीक नहीं थी. जयराम रमेश ने कहा कि परिवारवाद का आरोप था, परिवारवाद की बात थी.
सभापति ने कहा कि कोई इश्यू है तो आप लिखित में दीजिए. भड़के सभापति ने जयराम रमेश को नेम करने की चेतावनी दी. इस पर अजय माकन ने कहा कि क्यों नेम कर देंगे सर, एक बात जो विपक्ष के नेता के साथ हुआ वह बताने के लिए नेम कर देंगे. आप कहते हैं- हंस क्यों रहे हैं, मुस्कुरा क्यों रहे हैं, बैठे क्यों हैं. हाथ जोड़कर कह रहे हैं प्लीज ऐसे मत कीजिए.
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इसके बाद विपक्ष के सदस्य एक-एक कर बोलने लगे. सभापति ने पहले तिरुचि शिवा को बोलने की इजाजत दी. तिरुचि शिवा ने जब अपनी बात पूरी कर ली, तब सभापति ने जया अमिताभ बच्चन का नाम लिया. सभापति ने यह भी कहा कि इस विषय पर जया अमिताभ बच्चन अंतिम वक्ता होंगी. इसके बाद ये विषय क्विट कर दिया जाएगा.
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जया बच्चन ने जब बोलना शुरू किया, कहा कि मैं एक एक्टर हूं और बॉडी लैंगुएज, एक्सप्रेशन समझती हूं. मुझे माफ करिएगा सर, आपकी जो टोन है, ठीक नहीं है. हमलोग कुलीग हैं, आप वहां हैं. आपकी टोन अस्वीकार्य है. इस पर भड़के सभापति ने कहा कि जयाजी आपने महान उपलब्धि हासिल की है. आप जानती हैं कि एक एक्टर, डायरेक्टर का विषय है.
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उन्होंने कहा कि मैं हर रोज दोहराना नहीं चाहता. सभापति ने कहा कि हर दिन आपकी स्कूलिंग करना नहीं चाहता. आप मेरी टोन को लेकर बात कर रही हैं? बहुत अधिक है. मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि आप कोई भी हों, आपको डेकोरम मानना पड़ेगा. आप सेलिब्रिटी होंगी लेकिन डेकोरम मानना पड़ेगा.