
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी और सांसद ललन सिंह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का शामिल होना का फैसला विशुद्ध रूप से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का था.
ललन सिंह ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करने के दौरान बताया कि 2019 में जब बीजेपी के तरफ से मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का ऑफर मिला था तो उन्होंने इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श किया जिसके बाद बीजेपी के ऑफर को अस्वीकार कर दिया था.
जेडीयू सांसद ने कहा कि 2019 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार थे और उस समय बीजेपी से जो ऑफर आया था उस पर नीतीश कुमार ने पार्टी के सभी नेताओं से राय विमर्श करके अस्वीकार कर दिया था.
क्लिक करें - बिहार: जिस नेता की वजह से हुई थी BJP की हार, नीतीश कुमार ने उसी की कराई 'घर वापसी'
आरसीपी सिंह पर हमला
ललन सिंह ने इशारों ही इशारों में आरसीपी सिंह पर हमला करते हुए कहा कि 2021 में जब उन्हें बीजेपी की तरफ से मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिला था तो उसको लेकर आरसीपी सिंह ने जो फैसला किया, उसके बारे में उन्होंने ललन सिंह को केवल सूचना दी थी.
हालांकि ललन सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि 2019 में नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्हें जो ऑफर मिला था उसके बारे में उन्होंने पार्टी लेवल पर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की थी मगर 2021 में आरसीपी सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हैं ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पहले ही कह दिया था कि जनता दल यूनाइटेड केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होगी या नहीं, इस पर फैसला लेने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अधिकृत है. मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को भी जो ऑफर मिला था उस पर जो निर्णय लिया गया था उसके बारे में उन्होंने मुझे सूचना दी थी.